रहली, मध्य प्रदेश: रहली के बड़े मंदिर में चल रहे भगवान श्री राधा-कृष्ण जी के षष्ठी महोत्सव के अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कथावाचक ने भगवान कृष्ण के जन्म और उनकी अद्भुत बाल लीलाओं का वर्णन किया। इस महोत्सव के चौथे दिन धूमधाम के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया, जबकि पांचवें दिन नंदोत्सव की धूम रही।

चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव की खुशी
कथा के चौथे दिन कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाकर भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। जैसे ही उन्होंने बताया कि कंस के कारागार में प्रभु का जन्म हुआ, पूरा पंडाल “जय श्री कृष्ण” के जयघोष से गूंज उठा। इस दौरान वहां मौजूद सभी भक्त भाव-विभोर हो गए। भगवान की मनमोहक झांकी सजाई गई और कथा के समापन पर भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन किए और उन्हें पालने में झुलाकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

पांचवें दिन नंदोत्सव का उल्लास
पांचवें दिन नंदोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें नंद बाबा के घर में कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाए जाने वाले उत्सव का वर्णन किया गया। कथावाचक ने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण के जन्म के बाद नंद बाबा ने पूरे गोकुल में घी-माखन और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई थीं। इस दौरान कथा पंडाल में मौजूद भक्तों ने भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में नाच-गाकर आनंद लिया।

कथा व्यास ने सुनाईं भगवान की लीलाएं
कथावाचक ने इस दौरान भगवान कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का रसपान कराया, जिसमें माखन चोरी, गोवर्धन लीला और रास लीला जैसी कथाएं शामिल थीं। उन्होंने इन लीलाओं के माध्यम से धर्म, प्रेम और कर्म के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि कैसे भगवान कृष्ण ने अपनी बाल लीलाओं से ही समाज को सही दिशा दिखाई और अधर्म का नाश किया।
यह महोत्सव रहली में भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र बना हुआ है।
