ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के प्रभाव से कोई भी व्यक्ति प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में जीवन और ग्रहों के बीच परस्पर संबंधों की व्याख्या की गई है।आचार्य केशव प्रसाद के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में सूर्य आंख, चंद्रमा मन, मंगल रक्त संचार, बुध हृदय, बृहस्पति बुद्धि, शुक्र प्रत्येक रस तथा शनि, राहू और केतु उदर के स्वामी माने जाते हैं।
इन अंगों के अच्छे या बुरी समस्या की स्थिति में माना जाता है कि इनका प्रतिनिधित्व करने वाला संबंधित ग्रह कमजोर है या बलवान है।
१:- ऐसे लोगो का गृहस्थ जीवन ठीक तरह से चलता रहता है, जिसका शनि ग्रह ठीक है लेकिन अगर शनि का प्रकोप में है तो…..
२:- ऐसे व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आता है।
३:- उसकी सोचने-समझने की शक्ति काम नहीं करती। गृहस्थी में कलह और व्यापार में नुकसान होता है।
४:- सूर्य भूमि का जीवनदाता कहा जाता है,लेकिन यह एक क्रूर ग्रह भी है।
५:- सूर्य मानव स्वभाव में तेजी लाता है,सूर्य कमजोर होने पर जातको को सिर में दर्द एवं आंखों का रोग होता है!
६:- सूर्य उच्च राशि में है तो सत्तासुख, पदार्थ और वैभव भी दिलाता है।
७:- सूर्य के गलत प्रभाव सामने आ रहे हों तो रविवार को उपवास तथा माणिक्य रत्न धारण किया जा सकता है।
८:- चंद्रमा को ज्योतिष विज्ञान में शुभ ग्रह माना गया है, लेकिन उसका फल हमेशा शुभ ही हो, ऐसा नहीं है।
९:- चंद्रमा उच्च का है तो व्यक्ति को अपार यश और ऐश्वर्य दिलाता है, लेकिन अगर नीच का है तो व्यक्ति खांसी, नजला, जुकाम जैसे रोगों से घिरा रहता है।
१०:- चंद्रमा के प्रभाव को अनुकूल करने के लिए सोमवार का व्रत तथा सफेद खाद्य वस्तुओं का सेवन करना चाहिए। पुखराज और मोती पहना जा सकता है।
११:- यदि कुंडली में मंगल नीच का है तो वह व्यक्ति को भारी नुकसान कराता है…..!!
छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा क्यों दिलाते है यह ग्रह
SourcePhoto social midia
Recent Comments
Hello world!
on