वृंदावन मथुरा में बिरला धर्मशाला जो कि वृंदावन मार्ग पर है बजट में रुकने का अच्छा विकल्प हो सकता है अन्यथा ठीक इसके सामने भी कुछ अच्छे होटल हैं)
और अगर वृन्दावन में रुकना हो तो इस्कॉन मंदिर से लेकर प्रेम मंदिर के आसपास अनेकों धर्मशाला, गेस्ट हाउस, होटल उपलब्ध हैं बजट में फोगला आश्रम, धानुका आश्रम, अग्रसेन भवन इत्यादि)
इन सबके कॉन्टैक्ट डिटेल्स आप पहले से गूगल से निकाल के बात कर सकते हैं।
पहला दिन सुबह – वृंदावन
8–10 बजे – श्री कृष्ण बलराम (इस्कॉन) मंदिर
10-1 बजे – निधिवन जी, गोपेश्वर महादेव जी, राधा रमन जी, राधा दामोदर जी, सेवाकुंज इत्यादि के दर्शन करें (सभी आस पास ही हैं)
ब्रज में 1 से 4 बजे तक लगभग सभी मंदिरों में दर्शन बंद रहता है
इसलिए आप चाहे तो अपने कमरे पर विश्राम कर सकते हैं/ वृन्दावन में यमुना जी में नाव से भ्रमण कर सकते हैं, या फिर वृंदावन शोध संस्थान जो कि ब्रज से संबंधित एक म्यूजियम और पुस्तकालय है में जाकर अपना ज्ञान वर्धन कर सकते हैं।
सायं 4 से 6 बजे से यदि आप वृंदावन की प्राचीनता का आनंद लेना चाहते हैं तो ई रिक्शा से परिक्रमा मार्ग पर स्थित टटिया स्थान में ठाकुर मोहिनी बिहारी जी एवं संतों के दर्शन करें तथा आरती का आनंद लें
यहां से सीधे पहुंचे श्री राधा वल्लभ जी के दर्शन करने 6 से 8 बजे तक आप यहां दर्शन एवं कुंज गलियों का आनंद लें
शाम 8 बजे के बाद पास में ही स्थित श्री बांके बिहारी जी के दर्शन करें ( क्योंकि रात में भीड़ थोड़ी कम होती है बिहारी जी मंदिर में)
नोट– यदि आप वृन्दावन में इस्कॉन मंदिर से थोड़ी दूरी पर परिक्रमा मार्ग पर वराह घाट स्थित भक्ति वेदांत हॉस्पिटल के ठीक सामने स्थित श्री प्रेमानंद महाराज जी के आश्रम जाना चाहते हैं तो सुबह 4 से 7 बजे तक पहुंच सकते हैं।
दूसरा दिन –मथुरा एवं गोकुल
सुबह 8 बजे सीधा गोकुल पहुंचे
वहां गोकुल की गलियों से होते हुए श्री नन्द महल, यमुना घाट, रमन रेती, रसखान समाधि इत्यादि के दर्शन करें वहां सबकुछ आस पास ही है 2/3 घंटे पर्याप्त हैं
12 बजे तक गोकुल से मथुरा आ जाएं
मथुरा में भी दोपहर में मंदिर बंद रहते हैं
अगर आप समय से पहुंच गए तो सीधा विश्राम घाट स्थित श्री द्वारिकाधीश जी मंदिर में दर्शन करें
उसके बाद ठीक सामने यमुना जी में नाव भ्रमण या फिर लंच/विश्राम करें
5 से 7 श्री कृष्ण जन्म भूमि दर्शन करें यहां फोन इत्यादि इलेक्ट्रोनिक गैजेट वर्जित है (बाहर ही काउंटर पर जमा कर सकते हैं)
7 से 9 वापस वृंदावन पहुंच कर प्रेम मंदिर की रात्रि कालीन शोभा का आनंद लें (यहां सायं 8 बजे के बाद प्रवेश नहीं मिलता है समय से पहुंचे)
तीसरा दिन – गोवर्धन एवं बरसाना
सुबह 8 बजे गोवर्धन पहुंचे
सबसे पहले दानघाटी स्थित श्री गिरिराज जी महाराज मंदिर में दर्शन करें
उसके बाद ठीक सामने से परिक्रमा शुरू होती है जो कि पैदल करनी चाहिए लेकिन समय अभाव में ई रिक्शा से भी करने का विकल्प है
21 किमी की परिक्रमा में आप संपूर्ण गोवर्धन पर्वत के साथ साथ जतीपुरा, पूंछरी का लौठा, मुखारविंद, मानसी गंगा, श्री राधा कुंड, श्री श्याम कुंड इत्यादि के दर्शन भी करेंगे
इस सबमें ई रिक्शा से आपको 4 घंटे लगभग लगेंगे
दोपहर में 1 से 3 लंच/विश्राम करें
4 बजे तक पहुंच जाएं बरसाना
अगर आपके पास समय एवं ऊर्जा हो तो 3/4 किमी की पैदल बरसाना परिक्रमा करते हुए राधा रानी के महल पहुंच सकते हैं जिसमें आप सांकरी खोर, गहवर वन, राधा सरोवर, मान गढ़, मोर कुटी, ब्रह्मांचल पहाड़ी होते हुए श्री राधा रानी के महल में दर्शन करें…
यदि आप पैदल चलने में असमर्थ हैं या समय का अभाव है तो बरसाना पहुंचते ही बिना परिक्रमा किए सीढ़ियों से होते हुए सीधा ही श्री राधा रानी के दर्शन कर लें
अन्त में 7 से 8 बजे बरसाना में ही स्थित कीर्ति मंदिर (जो कि प्रेम मंदिर की तरह है) दर्शनीय है।
इस प्रकार 3 दिनों में आप ब्रज के प्रमुख स्थलों का आनंद ले सकते हैं
- मथुरा से विभिन्न स्थानों की दूरी लगभग
- मथुरा से वृंदावन 15 किमी
- मथुरा से गोकुल 10 किमी
- मथुरा से गोवर्धन 25 किमी
- गोवर्धन से बरसाना 20 किमी
- बरसाना से मथुरा स्टेशन लगभग 50 किमी
सावधानी
- बंदरों से (विशेषकर वृन्दावन में) मोबाइल, हैंडबैग, प्रसाद, चप्पल जूते, चश्मे इत्यादि संभाले,भूल कर भी लापरवाही ना करें कब ले जायेंगे आपसे छीनकर पता भी नहीं चलेगा सावधान रहें।
- अगर ले जाएं तो तुरंत 10 ₹ वाली फ्रूटी का प्रबंध कर के उसे दें और फिर भी समान वापस मिलने की गारंटी नहीं होती है।
- ज्यादा भीड़ से बचने के लिए वीकेंड तथा विशेष उत्सव वाले दिन ना आएं । राधे राधे 🙏 बोलो बरसाने वाली की