मप्र/ विपिन दुबे/योगेश सोनी। सागर जिले में बड़े बड़े राजनीतिक गढ़ के बीच सरपंच पद से राजनीति की शुरुआत कर लता वानखेड़े को सांसद बनने और आज प्रदेश भाजपा में महामंत्री पद तक पहुंचने बड़ा परिश्रम,धैर्य और संतुलन रखना पड़ा हे।क्योंकि इतने प्रभाशाली लोगों के बीच अपना स्थान बनाना और मंजिल पर पहुंचना कम से कम राजनीति में महिलाओं के लिए इतना सरल नहीं हे। निश्चित रूप से सांसद लता वानखेड़े की जितनी प्रशंसा की जाए कम हे।
- राजनीति में सक्रियता की शुरुआत: लता वानखेड़े पिछले लगभग 30 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं।
- पार्टी की सदस्यता: उन्होंने 1992 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ली थी।
- सक्रिय राजनीति की शुरुआत: सक्रिय राजनीति में उनकी शुरुआत 1995 में हुई, जब उन्होंने मकरोनिया के 12 नंबर वार्ड से पंच का चुनाव लड़ा।
- पार्टी के विभिन्न पद:
- वह निरंतर भारतीय जनता पार्टी के विभिन्न छोटे-छोटे पदों पर रहीं।
- उन्होंने मंडल के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया।
- भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की जिला महामंत्री और फिर जिला अध्यक्ष रहीं।
- इसके बाद वह जिला उपाध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष बनीं।
- वह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रहीं।
- पूर्व पद: वह मध्य प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
- लोकसभा सांसद:
- उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने सागर लोकसभा सीट से 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया।
- उन्होंने इस चुनाव में जीत दर्ज कर पहली बार लोकसभा सांसद बनीं।
- जीत के बाद उन्होंने कहा कि यह जीत लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास की जीत है।
सांसद के रूप में प्राथमिकताएं: - सांसद बनने के बाद उन्होंने सागर संसदीय क्षेत्र में शिक्षा और रोजगार को लेकर काम करना अपनी मुख्य प्राथमिकता बताया है।
- वह बुंदेलखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए भी सक्रिय हैं।
- उनका लक्ष्य महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उनकी प्रतिभा के अनुसार अवसर दिलाना भी है।
उन्होंने इस तरह सरपंच स्तर से शुरुआत करके सांसद तक का सफर तय किया है।
