मप्र सागर। इन गांवों के लोग अपने गांव का नाम बताने में करते है संकोच और जो भी इनका नाम सुनता है मुस्कराए बिना नहीं रहता।
मप्र के सागर जिले को ही देखे तो सागर ब्लाक में अंडेला, गोदू विजयपुरा, गीधा, ललोई, सड़ेरी,जैसी नगर ब्लाक में डुंगरिया,करैया, हडा, बीना ब्लाक में चमारी,खुरई ब्लाक में कनऊ,देवरी ब्लाक में चिरचिटा,राहतगढ़ ब्लाक में भाभुका वारी, बंडा ब्लाक में ढांड, राखसी, रहली ब्लाक में मोठार नंगु ,रौन कुमरई, छिरारी,मारपानी, आदि ऐसे नाम है जिन्हें बोलने सुनने,बताने में संकोच होना स्वाभाविक है।ऐसे और भी गांवों के अनेक नाम हे जो अटपटे हे।इनका नाम बदले जाना बहुत जरूरी है लेकिन अब तक इस दिशा में किसी भी दल या नेता ने कोई प्रयास नहीं किए,जबकि 20 साल मंत्री रहते गोपाल भार्गव इन नामों को बदलवा भी सकते थे।
विदित हो कि जनवरी में सीएम ने उज्जैन व शाजापुर में 14 गांवों के नाम बदलने का ऐलान किया था। मौलाना गांव का नाम विक्रम नगर, गजनीखेड़ी का चामुंडा माता नगर करने की घोषणा की। सीएम ने कहा था कि सरकार ऐसे स्थानों के नाम बदलेगी, जिनका नाम लेने में जुबान अटकती है या कलम अटक जाती है। वहीं, ग्वालियर-चंबल के इन जिलों में गांवों का नाम बदलने के लिए कई बार आवेदन दिए गए। जौरा विधायक पंकज उपाध्याय ने बतायाँ कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मुरैना जिले के कुछ गांवों के नाम बदलने की सिफारिश की थी, पर कोई निर्णय नहीं हुआ।
