रहली|भारतीय संस्कृति ने योगेश्वर श्रीकृष्ण के प्रभावों की जानकारी देना तथा श्रीकृष्ण बाल स्वरूपों की क्रीड़ाओं से परिचित कराने के उद्देश्य से सरस्वती शिशु मंदिर रहली में श्रीकृष्ण स्वरूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कक्षा अरूण से कक्षा तृतीय तक के 87 भैया/बहिन श्रीकृष्ण के मनमोहक स्वरूप में सज कर आये।
इन्हें तीन समूहों में बांटा गया। प्रथम ग्रुप में कक्षा अरूण और उदय के भैया/बहिन सम्मिलित हुए इसमें परिधि दुबे प्रथम भैया दिव्यांश पटैल द्वितीय तथा रिया ठाकुर तृतीय रहे।दूसरे समूह में कक्षा प्रभात एवं प्रथम के भैया/बहिन सम्मिलित हुए इसमें भैया सनातन पाण्डे प्रथम भैया श्रीमन शर्मा द्वितीय तथा संस्कार पटेल तृतीय रहे।
तृतीय समूह में कक्षा द्वितीय एवं तृतीय के भैया/बहिन सम्मिलित हुए इसमें कु. रिद्धिमा पाण्डेय प्रथम, कु. आव्या मिश्रा द्वितीय एवं कु. स्तुति वैष्णव तृतीय रही।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संघसंचालक रहली मा. उमेश जी वैद्य ने कहा बच्चों में श्रीकृष्ण की छवि आज भी प्रासंगगिक है। वर्तमान में शिशु मंदिर ही भारतीय संस्कृति को बनाये रखे है। विशिष्ट अतिथि श्रीमती रिचा शर्मा (धर्मपत्ति मा. जज साहब), श्री यतेन्द्र समाधियां कोषाध्यक्ष, व्यवस्थापक मा. यशवंतसिंह ठाकुर, मा. शरद सराफ अध्यक्ष, श्री मनीष मिश्रा सहसचिव उपस्थित रहें। निर्णायक के रूप में श्री प्रतापसिंह ठाकुर, श्रीमती उमा मिश्रा, कु. शुभ्रा गौतम, कु. रेशु रैकवार, श्रीमती शिवांगनी, कु. वैशाली का सराहनीय सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती ज्योति विश्वकर्मा ने किया। प्राचार्य श्री रामस्वरूप विश्वकर्मा ने अतिथि परिचय कराया, प्रधानाचार्य श्री हरिसिंह ठाकुर एवं शिशु विभाग प्रमुख श्रीमती माधवी अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत किया। विजेता भैया/बहिनों को समिति की ओर से पुरूस्कृत किया गया। तथा सभी प्रतिभागियों को सात्वना पुरूस्कार प्रदान किये गये।