Mp news/ बुंदेलखंड में प्रसिद्ध सागर जिले के रहली में पंढरपुर स्थित भगवान पंढरीनाथ के मंदिर में कार्तिक उत्सव एकादशी से प्रारंभ हो गया है। आज मंगलवार एकादशी पर भगवान विट्ठल की चरण पादुकाएं विमान पर विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा।साथ ही भजन कीर्तन और हरिकथा भी प्रारंभ हो जाएगी।
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पूर्णिमा को विशाल मेले का आयोजन सदियों से होता आ रहा है। पंढरपुर में मुख्यरूप से वर्ष में दो त्यौहार मनाए जाते है। जिसमें देव शयनी ग्यारस(आषाढ़ एकादशी) से आषाढ़ पूर्णिमा तक आषाढ़ उत्सव व देवउठनी ग्यारस (कार्तिक एकादशी) से कार्तिक पूर्णिमा तक कार्तिक उत्सव मनाया जाता है। जिसमें एकादशी को भगवान की चरण पादुका पालकी में विराजित कर नगर भ्रमण के लिए प्रति वर्ष निकलती है। पलक में क्षेत्र के भक्तगण पालकी कंधे पर रखकर ले जाते हैं इसी के साथ साथ अखाड़े-गाजे-बाजे,भजन मंडली, बुंदेलखंड के लोकनृत्य व अन्य कार्यक्रम चलते हैं। पालकी का नगर भ्रमण होने के बाद पालकी नदी किनारे आती है जहां नदी का पूजन व पादुका पूजन होता है।
ग्यारस से पूर्णिमा तक भजन कीर्तन व हरि कथा होती है। पूर्णिमा को भी पालकी निकाली जाती है।,फिर सुनार नदी पर जल विहार होता है, पूर्णिमा पर ही मंदिर में भव्य मेला भरता है। इस दौरान मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए रुकने के लिए (उचित दर पर) भक्त निवास का निर्माण कराया गया है।