चैत्र नवरात्रि व हिन्दू नया वर्ष 30 मार्च से प्रारंभ, हाथी रहेगी मां दुर्गा जी की सवारी, घटस्थापना के शुभ मुहूर्त व विधि….
नवरात्रि हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, नवरात्रि को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मां दुर्गा जी की उपासना के नौ दिन भक्तों के लिए बेहद खास होते हैं। इन दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखते हैं तो कई पहला और आखिरी रखकर मां दुर्गा की उपासना करते हैं ज्योतिषाचार्य पं. नरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा जी की विधि-विधान से पूजा करने से कई गुणा आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ हो रहे है…..!
चैत्र नवरात्रि में हाथी पर सवार होकर आएंगी माँ दुर्गा ज
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चैत्र नवरात्रि में मां भगवती हाथी पर सवार होकर आएंगी और प्रस्थान भी हाथी पर बैठकर ही करेंगी। कहते हैं कि जब मां दुर्गा की सवारी हाथी होती है तो यह एक बेहद ही शुभ संकेत माना जाता है। हाथी को सुख-समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। माता जब हाथी पर सवार होकर आती हैं तो यह किसानों के लिए एक बहुत ही शुभ संकेत होता है। इसका अर्थ है कि इस साल अच्छी फसल होगी और बारिश की भी कमी नहीं होगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त:- प्रतिपदा तिथि, 30 मार्च 2025 शुभ मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक।
घटस्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त:- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 3 बजकर 47 मिनट तक।
नवरात्रि घटस्थापना पूजा विधि:- मिट्टी को चौड़े मुंह वाले बर्तन में रखें और उसमें जवा बोएं। अब उसके ऊपर कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें। आम या अशोक के पत्तों को कलश के ऊपर रखें। नारियल में कलावा लपेटे। उसके बाद नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर कलश के ऊपर और पत्तों के मध्य रखें। घटस्थापना पूरी होने के पश्चात् मां दुर्गा जी का आवाहन करते हैं.!!
