मप्र ।नौरादेही वन्य प्राणी अभ्यारण को अपडेट कर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व हुए एक वर्ष 5 माह से अधिक हो गया,भारतीय भेड़ियों का स्थान बाघ ले चुके है। वन विभाग प्रोजेक्ट पर कई करोड़ों खर्च भी कर चुका हे लेकिन नौरादेही अभ्यारण की बेबसाइड को अपडेट कर वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व करना भूल गया। जिसके चलते पर्यटकों को इंटरनेट पर जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही हे,गूगल पर दुर्गावती टाइगर रिजर्व सर्च करने पर कोई लिंक भी उपलब्ध नहीं हो रही हे महज मीडिया में छपी रिपोर्ट ही शो हो रही है। विदित हो कि यह युग ही इंटरनेट का है दुनिया भर के तमाम पर्यटक नेट पर सर्च कर जानकारी जुटाते है और विभिन्न जानकारी से संतुष्ट होने के बाद ही उस पर्यटन क्षेत्र जाना सुनिश्चित करते है
वन विभाग में बैठे अफसरों को प्रोजेक्ट में अपना हित कहां हो रहा हे सिर्फ इससे मतलब है।टाइगर रिजर्व में पर्यटक आए या ना आए उन्हें जानकारी मिले या नहीं मिले इससे कोई लेना देना नहीं हे। आमतौर पर टाइगर रिजर्व के अधिकारी कोई भी जानकारी देने से कतराते नजर आते हे।जिसका सीधा मतलब हे कि इनकी लापरवाही उजागर ना हो जाए इससे बचने उपाय अपनाते रहते हे।

वीरांगना दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य भारत के मध्य प्रदेश के दमोह जिले और सागर जिले में एक वन्यजीव अभयारण्य है। 2023 में, इसे 2,339.12 वर्ग किलोमीटर (903.14 वर्ग मील) के कुल क्षेत्रफल के साथ एक बाघ अभयारण्य घोषित किया गया था
इन जानवरों की है मौजूदगी
मध्य प्रदेश के रानीदुर्गावती टाइगर रिजर्व में कई तरह के जानवर पाए जाते हैं जिनमें मांसाहारी जानवर बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, जंगली कुत्ता, सियार ग्रे फाक्स, धारीदार लकड़बग्घा, मगरमच्छ शामिल हैं। शाकाहारी जानवर सांभर, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, चार सींग वाला मृग चौसिंघा, कृष्णमृग, भौंकने वाला हिरण, ग्रे लंगूर, रीसस मकाक मानिटर छिपकली, मीठे पानी का कछुआ, स्थलीय कछुआ, सांप, मीठे पानी का मगरमच्छ हैं।
6 साल में 2 से 20 हुआ बाघों का कुनबा
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व घोषित होने से पूर्व 2018 में जब नौरादेही अभ्यारण था तब बाघ प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था और राधा और किशन जिन्हें एन 1 और एन 2 नाम दिया था लाए गए थे आज 6 साल में करीब 20 बाघ यहां पर विचरण कर रहे है।

