रहली। नगरपालिका परिषद रहली द्वारा कलेक्टर सागर को लिखे पत्र के बाद कलेक्टर सागर ने पेयजल छोड़कर सुनार नदी का पानी अन्य उपयोग में लेने पर रोक लगाने की कार्यवाही की है।वही आदेश का उल्लंघन होने पर दंडात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश जारी होने तक लागू रहेगा।साथ ही जल संसाधन विभाग को डेम से अधिक पानी छोड़ने दिए निर्देश।

आदेश में उल्लेख हे कि ग्रीष्मकाल में संभावित पेयजल संकट को दृष्टिगत रखते हुए मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधित अधिनियम 2002 में निहित प्रावधानों के तहत तहसील रहली एंव गढाकोटा के अन्तर्गत सुनार नदी से पानी के पेयजल से भिन्न अन्य उपयोग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाती है।
विदित हो कि कार्यालय नगरपालिका परिषद रहली ने पत्र के द्वारा कलेक्टर सागर कोअवगत कराया गया है था कि सुनार नदी में पर्याप्त पानी न होने से पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। जिले की रहली तहसील अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र की पेयजल सप्लाई का एक मात्र मुख्य स्रोत सुनार नदी है। कृषको द्वारा कृषि भूमी की सिचांई एंव अत्याधिक जल दोहन किये जाने के परिणाम स्वरूप नदी का जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिससे तहसील रहली एंव गढाकोटा में भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित होना संभावित है।

सुनार नदी में गर्मी में जल संकट से निपटने केसली में सुनार नदी पर बने सोनपुर डेम से पिछले कई वर्षों से पानी छोड़ा जाता रहा है।इस वर्ष भी करीब एक माह पहले डेम से पानी छोड़ा गया था लेकिन अभी तक रहली पानी नहीं पहुंचा हे।रहली से सोनपुर डेम के पानी बीच करीब 40 किमी की दूरी तय कर 20 दिन में में रहली पहुंच जाता है लेकिन पानी सिर्फ 30 किमी का ही सफर कर पाया ,अभी 10 किमी दूरी पर ही पानी ठहर गया है।क्योंकि बीच के बने डेम भरने और नदी किनारे चल रही खेतों में मूंग की सिंचाई होने से नदी में पानी समाप्त हो रहा है,और यह रहली से गढ़ाकोटा तक सुनार नदी में सुखा पड़ा है।
