मप्र सागर। गौ वंश को चारे की परवाह करते हुए शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री संदीप जी आर के आदेशानुसार म.प्र. पशु चारा निर्यात नियंत्रण आदेश नियम 2000 में निहित प्रावधानों के अधीन प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पशुओं के आहार में आने वाले केवल गेहूं- भूसा को जिले की सीमा से बाहर निर्यात करने एवं गेहूं भूसा को उद्योगों एवं ईट भटटों में जलाने के लिए उपयोग को तत्काल प्रभाव से 30 जून 2025 तक के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
जिले में पशुओं के भूसा एवं चारा आदि की कमी होने की आशंका है। जिले में पशुपालकों के पास लगभग 11.55 लाख गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशु है, जिले में भूसा की पर्याप्त मात्रा में आपूति एवं भंडारण की व्यवस्था बनाये रखने को दृष्टिगत रखते हुए भूसा चारा को जिले से बाहर निर्यात करना प्रतिबंधित किया गया।
कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेशानुसार गेहूं भूसा को कोई भी कृषक व्यापारी या व्यक्ति या निर्यातक संस्था किसी भी प्रकार के वाहन नाव, मोटर, ट्रक, बैलगाडी एवं रेल्वे अथवा अन्य साधन द्वारा जिले के बाहर बिना कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की लिखित अनुमति के निर्यात नहीं करेगें। यह आदेश गेहूं-भूसा निर्यात करने पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। चना, मसूर, तेवडा आदि का भूसा तथा ज्वार एवं धान के डंठल के निर्यात पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहेगा।
कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों को आदेश कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए एवं आदेश का उल्लंघन होने पर दंडात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए।
