Monday, December 23, 2024
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MP NEWS: अमृतझिरिया आश्रम,धूमधाम से मनाया 27वां स्थापना दिवस

ऊँ नाम का जप ही कल्याण करेगा: श्री मुक्तानंद जी

निर्वाणी मुद्रा का बताया महत्व

सागर जिले के रहली देवरी मार्ग स्थित अमृतझिरिया में 27 वा वार्षिक महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। देवरी नगर से 8 किलोमीटर दूर स्थित अमृतझिरिया आश्रम में 27 वर्ष पूर्व परम पूज्य 1008 मुक्तानंद जी महाराज का पदार्पण 22 दिसंबर 1997 को हुआ था,और उसके बाद से ही इस वार्षिक उत्सव का आयोजन भक्तों द्वारा सतत किया जा रहा है।

इस दौरान सुबह से भाविक भक्तों द्वारा परम पूज्य1008 मुक्तानंद जी महाराज की पूजन आरती उपरांत प्रवचन का आयोजन किया गया। इस दौरान परम पूज्य मुक्तानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचनों से लोगों को ज्ञान अमृत की वर्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्वाणी मुद्रा का महत्व बताते हुए कहा की अपनी जीभ की नोक से निचले दांत की जड़ को दबाने से सिर्फ एक ही नाम निकलेगा और वह है ऊँ इसके अलावा संसार में दूसरा कोई नाम नहीं निकलेगा और यही एक सत्य नाम हैऔर दांत की जड़ में जीभ लगाने से मन एकाग्र होता है। इसे ‘निर्वाणी मुद्रा’ कहते है, निर्वाणी मुद्रा में मन इधर-उधर नहीं भटकता, मन को एकाग्र करने के लिए निर्वाणी मुद्रा करें। इसी तरह उन्होंने बताया की अपनी जीभ दोमुही होती है एक तो अच्छे-अच्छे व्यंजनों का स्वाद लेकर पेट को भर देती है और वही जीभ अगर गलत बोल दे तो लोगों को डंडे पड़ जाएंगे और इसी जीव से भगवान का भजन भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह अमृत झिरिया आश्रम है और सभी लोगों के अंदर एक अमृत झरिया है उसे पहचानने की जरूरत है और जो लोगों उसे पहचान गए वह भगवान को प्राप्त कर गए। प्रवचन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।

जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर बुंदेली लोककला के प्रमुख श्री उमेश वैद्य के नेतृत्व में दिव्यांग कलाकारों की टीम ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुती बरेदी नृत्य और गीता के उपदेश पर दी। सभी भक्तों ने प्रशंसा की।

इस अवसर पर श्री गीता ज्ञान  यज्ञ का त्रि-दिवसीय आयोजन भी संपन्न हुआ। जिसे धारकुण्डी आश्रम से पधारे श्री चंद्रमोली पाण्डेय एवं मुदित पंडित जी आदि ने वैदिक मंत्रों के साथ संपन्न कराया। 

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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