मुख्यमंत्री कन्यादान योजना मूलतः गरीब लोगों की मदद करने की मंशा से शुरू हुई थी लेकिन राजनीति के फंदे से वह भी नहीं बच सकी,मदद की जगह वोटो की राजनीति का मुहर बन चुकी है,हाल ही में दैनिक भास्कर ने दमोह और जबेरा में हुए कन्यादान समारोह में हुए गड़बड़झाले की रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें उल्लेख हे कि कुछ दंपती दूल्हा-दुल्हन के परिधान में बच्चों को गोद में लेकर आए। फिर बच्चे अपने रिश्तेदारों को देकर मंच पर चढ़ गए। एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और फिर नीचे उतरकर अपने बच्चों के साथ बैठ गए। आश्चर्य की बात तो यह है कि जबेरा में पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी और पशु चिकित्सा मंत्री लखन पटेल ने इन पर फूल भी बरसाए। वहीं एसडीएम सहित अफसर तालियां बजा रहे थे। जबेरा की कृषि उपज मंडी में बने पंडाल में ये सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ। यहां 70 यज्ञ कुंड बनाए थे लेकिन आयोजकों का दावा है कि 1493 जोड़ों को विवाह किया।
यह हे इसके पीछे की असली कहानी
दरअसल कन्यादान योजना में किसने कितने अधिक जोड़ो के विवाह कराए इसकी होड़ मची हे और अधिक नंबर बढ़ाने के चक्कर में बहुत कुछ नजरअंदाज किया जा रहा है,साथ ही अपने नजदीक के लोगों को सरकारी लाभ दिलाने भी प्रयास शामिल है।
