Saturday, October 25, 2025
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एमपी:चुनावी विकास बनाम सर्वांगीण विकास: निर्माण कार्यों पर जोर, रोजगार की उपेक्षा

योगेश सोनी एडिटर

जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र में कराए गए सड़क, भवन और अन्य निर्माण कार्यों का गुणगान करते नहीं थकते। चुनाव आते ही ये काम उनकी सफलता की कहानी बन जाते हैं, और इन्हीं “विकास” कार्यों के नाम पर जनता से वोट मांगे जाते हैं।
यह सच है कि सड़कें, इमारतें और बुनियादी ढांचा विकास का एक अनिवार्य पहलू हैं, लेकिन विशेषज्ञों और आम जनता का एक बड़ा वर्ग अब यह सवाल उठा रहा है कि क्या यह विकास संपूर्ण और स्थायी है?
अधूरी कहानी: रोजगार का मुद्दा
क्षेत्र के लोगों का सर्वांगीण विकास तभी माना जा सकता है जब उन्हें सिर्फ बेहतर सड़कें ही नहीं, बल्कि रोजगार के अवसर भी मिलें। युवाओं और कामगारों के लिए स्थाई आजीविका, कौशल विकास और स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना उतना ही महत्वपूर्ण है, ताकि वे अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर बन सकें।
हालांकि, अक्सर देखा जाता है कि चुनावी चर्चाओं में बड़े निर्माण कार्यों पर जितना जोर होता है, उतना रोजगार सृजन और आर्थिक सशक्तिकरण के ठोस मॉडलों पर नहीं।
नेताओं का ‘विकास’ और जनता का संदेह
आलोचकों का मानना है कि निर्माण कार्य, भले ही क्षेत्र के लिए उपयोगी हों, लेकिन इनकी वास्तविक प्रगति का आकलन कर पाना मुश्किल होता है। इन परियोजनाओं की लागत, गुणवत्ता और समय पर पूरा होने पर अक्सर संदेह बना रहता है।

वहीं, दूसरी ओर, यह आरोप आम है कि इन बड़ी परियोजनाओं के माध्यम से नेताओं और उनके करीबी ठेकेदारों का विकास भरपूर होता है। निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की आशंका, ठेकों के आवंटन में पक्षपात (जैसा कि कुछ अध्ययनों में भी सामने आया है), और ‘काले धन’ के लेन-देन को लेकर सवाल उठते रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब जनप्रतिनिधि केवल ईंट-पत्थर के विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं और मानव संसाधन और आर्थिक स्वतंत्रता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की उपेक्षा करते हैं, तो इसका मतलब है कि वे दीर्घकालिक कल्याण की जगह तत्काल दिखने वाले और चुनावी लाभ वाले कामों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
जनता को अब यह समझना होगा कि सही मायनों में विकास क्या है और उन्हें अपने प्रतिनिधियों से सड़कों के साथ-साथ रोजगार और आत्मनिर्भरता के मुद्दों पर भी जवाबदेही मांगनी चाहिए।
क्या आपको लगता है कि अगले चुनावों में रोजगार का मुद्दा, निर्माण कार्यों से अधिक प्रभावी साबित होगा?

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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