सागर रहली/खबरों की दुनिया/ – परहित सरिस धर्म नहीं भाई, तुलसीदास जी के इस दोहे को सार्थक करने बने वाले पंडलपुर के दो युवा जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना सुनार नदी में डूब रहे बच्चे को बचाया।उनके इस सद्कर्म की पूरे नगर में प्रशंसा हो रही है।आज नपा अध्यक्ष देवराज सोनी ने पार्षद साथियों सहित पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया और पुरस्कार स्वरूप 5–5 हजार रुपए और साल श्री फल प्रदान किए।

विदित हो कि पंडलपुर मार्ग पर स्थित देहार नदी के पुल पर दो बच्चे नदी किनारे खेलते हुए बहती लकड़ी को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे। अचानक एक बच्चा फिसलकर तेज धार में बहने लगा। मौके पर मौजूद लोग घबरा गए, लेकिन स्थिति को समझने और कुछ करने में देर हो रही थी। तभी विकास और हेमंत यादव ने बिना एक पल गंवाए नदी में छलांग लगा दी। तेज बहाव और गहराई की परवाह किए बिना, दोनों युवाओं ने अद्भुत साहस दिखाया और बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लाए।

साथ ही एसडीएम कुलदीप परासर, एसडीओपी प्रकाश मिश्रा, तहसीलदार राजेश पांडे, और थाना प्रभारी अनिल तिवारी द्वारा थाना परिसर में दोनों युवाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने भी दोनों युवाओं की जमकर सराहना की।इस मौके पर नगरपालिका अध्यक्ष देवराज सोनी ने इन युवकों की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह कार्य मानवता और साहस का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसे युवाओं पर गर्व है और उनका यह कदम दूसरों को भी नेक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
इस सम्मान समारोह ने न केवल इन युवकों की बहादुरी को सराहा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि आज के दौर में भी मानवता और इंसानियत जीवित है।
