प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आज तीसरे अमृत स्नान के बाद महाकुंभ का विश्राम हो गया।अब माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर्व स्नान होगा।पंडित पवन शर्मा के अनुसार बसंत पंचमी पर यह कुंभ का अंतिम स्नान है,कुंभ में पांच स्नान होते है जिनमें तीन अमृत स्नान और दो पर्व स्नान।जिसमें संक्रांति को पहला,मौनी अमावस्या दूसरा और बसंत पंचमी तीसरा अंतिम स्नान है।माघ पूर्णिमा और शिवरात्रि पर्व स्नान है।

रामानंदी संप्रदाय के दिगंबर अखाड़े का शाही अमृत स्नान बसंत पंचमी पर आज संपन्न हुआ डेकोर इंदौर खालसा ने हनुमान जी के निशान चतुर संप्रदाय के बाद स्नान में भाग लिया।

उसके बाद अन्य महामंडलेश्वरों ने स्नान की शोभायात्रा में शामिल हुए मंगल पीठाधीश्वर तिल गद्दाचार्य श्री माधवाचार्य जी महाराज श्री हंस पीठ स्वर श्री महंत रामचरण दास जी महाराज की सानिध्य में खालसा के अंतर्गत के महंतो ने शाही अमृत स्नान में भाग लिया उत्तराधिकारी महंत पवन दास महाराज महेंद्र दयाराम दास जी महाराज पीपल कोटा जगदीश दास जी दाहोद हरिओम दास जी बांसवाड़ा बालक दास जी घनश्याम दास जी भोले बाबा लाल दास जी अमित दास जी यजत्र दास जी श्याम दास जी सहित कई संतों ने भाग लिया।

इस तरह तीनों शाही स्नान के बाद इस महाकुंभ के मुकाम का विश्राम हुआ,अब अगला मुकाम नासिक कुंभ में लगेगा। आज बसंत पंचमी पर करीब दो करोड़  से अधिक लोगों ने स्नान किया।पूरे भारतवर्ष के भक्ति इस खालसा में शामिल हुए और हनुमान जी का निशान धर्म ध्वजा उतर गई और पंचायती रसोड़ा का विश्राम हुआ सभी सभी  अपने-अपने गंतव्य की ओर कल प्रस्थान करेंगे
तीसरे अमृत स्नान के साथ ही अनेक साधु संत महाकुंभ से रवाना हो जाएंगे,और माघ पूर्णिमा के बाद कल्प मास तक रुकने वाले साधु संत श्रद्धालु भी प्रस्थान करेंगे।हालांकि महाकुंभ के आयोजन का शिवरात्रि के पर्व स्नान के बाद ही समापन होगा।


 
