कार्तिक पूर्णिमा की अनेक धार्मिक मान्यताएं है। जिनमें विशेष रूप से बैकुंठ पूर्णिमा,और स्नान दान महत्वपूर्ण है।बैकुंठ पूर्णिमा होने से सभी मंदिरों और देवालयों में ज्योतिर्लिंग में ,तथा पुण्य सलिला गंगा,यमुना,नर्मदा आदि में श्रद्धालु स्नान कर दीपदान करेंगे।
वृंदावन में बांके बिहारी,राधाबल्लभ और राधारमण जी के मंदिरों में विशेष उत्सव मनाया जा रहा है,वहीं काशी और उज्जैन में भव्य दीपमाला मंदिर और नदी के घाट पर सजाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा पर सागर,नरसिंहपुर,दमोह जिले से श्रद्धालु बरमान घाट नर्मदा जी में स्नान दान के लिए प्रातः 4 बजे से पहुंचने लगे थे।
कार्तिक मास भर नदी सरोवर में स्नान कर लड्डूगोपाल जी और तुलसी जी का पूजन करने वाली व्रती महिलाएं जो पूरे माह पूजा अर्चन करती है वह भी पूर्णिमा पर नर्मदा जी स्नान करने पहुंची और अपने साथ ले गई लड्डूगोपाल सहित तुलसी जी का घाट पर ही पूजन कर भंडारा प्रसाद वितरण किया गया।