Wednesday, October 29, 2025
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ज्योतिष:भाग्य भी चोरी होता है….जाने कैसे होता हे चोरी, क्या हे चोरी रोकने का उपाय

सोना चांदी,धन रुपया तो चोरी हो सकता हे,पर कभी सुना… भाग्य भी चोरी हो सकता हे, कैसे क्यों होता हे भाग्य चोरी,कौन चुरा लेता हे भाग्य,कौन हे चोर,और कैसे रोके भाग्य को चोरी होने से क्या हे उपाय.. बता रहे हे (आचार्य-केशव प्रसाद पाठक ज्योतिर्विद)
व्यवहार में हम किसी का भी खाना खा लेते हैं ऐसे में भी हमारा भाग्य चोरी होता है!
ना ही किसी के वस्त्रो को धारण करें और ना ही किसी को अपने वस्त्र धारण करने दें!
कपड़ों के प्रयोग से भी भाग्य की चोरी हो जाती है कई बार हम घटिया स्तर का कपड़ा भी ब्राह्मणों को गुरुजनों को या दीन हीन को दे देते हैं इससे भी हमारा भाग्य चोरी होता है!
क्योंकि हम पहनते अच्छा हैं और दूसरों को देते बुरा हैं इसलिए हमारा भाग्य चोरी हो जाता है!
इसलिए हमेशा ही अच्छी वस्तुओं का ही दान करें वरना परिणाम बुरे प्राप्त होते हैं!
अगर आप बिना किसी धन के किसी की सेवा लेते हैं जैसे की नाई से बाल बनवा लिए डॉक्टर से परामर्श ले लिया और किसी भी पंडित जी से पत्रिका दिखवाली या अन्य कोई भी कार्य बिना धन के करा लिया तो आपके भाग्य की चोरी अवश्य ही होगी!
इसलिए उसके श्रम का धन अवश्य दीजिए अगर भूल बस ऐसा हो गया है तो किसी निर्धन व्यक्ति को धन का दान कर दें!
तो गया हुआ भाग्य वापस आ जाएगा गलत सोच वाले व्यक्ति का खाना खाते हैं तो रिश्तो में दरार आ जाती है!
ऐसे व्यक्ति का खाना भी नुकसान दे सकता है जो आपके प्रति बुरी भावना रखता है!
तो उसका खाना खाने से आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है जबरदस्ती या फ्री में खाना खाने से भी पैसे की कमाई में दिक्कत आ जाएगी!
इस दुनिया में कुछ भी फ्री मे नहीं है अगर आप कोई चीज फ्री मे किसी से लेते हैं तो उसके बदले में आप अपनी किस्मत अपना भाग्य थोड़ा बहुत उसको देना पड़ता हैं!
इस दोष से बचने के लिए मंगलवार के दिन निर्धनों को भोजन करादे ताकि आपके भाग्य की चोरी फिर से ना हो सके!
दूसरा उपाय करें- हनुमान जी को दो तुलसीदल मंगलवार के दिन अर्पित करें और बाद में प्रसाद स्वरूप लेकर के उनको पाले!
और हर व्यक्ति का भोजन करना बंद कीजिए फ्री में किसी की कोई भी वस्तु न खाइए वरना ऐसे में आपका भाग्य चोरी होता रहेगा!
जिस किसी भी कुर्सी पर आप व्यापारिक कार्य करते हैं उसमें आपकी तरंगे और आपका भाग्य जुड़ जाता है तो अपनी निजी कुर्सी पर किसी को नहीं बिठाना चाहिए!
जो भी बैठेगा तो वह आपके भाग की चोरी करेगा संभव हो तो कोई बैठे ना और यह संभव न हो पाए तो एक निजी आसान बना ले जब बैठे तो उसे आसान को बिझाकर बैठे और जब आप उठे तो आसन उठाले इससे भाग्य चोरी होने से बचेगा!
अपनी कलम और पुस्तक भी देने से भाग्य की चोरी होती है क्योंकि आपके लिए सरस्वती विद्यमान आपकी पुस्तक में और आपकी लेखनी में होती है!
इसलिए यह भी किसी को नहीं देनी चाहिए बसंत पंचमी या चित्रगुप्त जयंती पर हम एक नूतन पेन लेकर के मां सरस्वती के चरणों में अर्पित करते हैं!
और उसी को वर्ष पर्यंत प्रयोग करते हैं यह सिद्ध कार्य है और ऐसी लेखनी को फिर किसी को नहीं देना चाहिए!
अगर ऐसा धोखे से हो चुका है तो एक नई कलम खरीदें और किसी पढ़ने लिखने वाले छात्र को दान कर दें!
तो आपका गया हुआ भाग पुनः वापस आ जाएगा आपके खाने पीने के बर्तनों से भी भाग्य चोरी होता है!
इसलिए अपने रसोई के बर्तन भी किसी से आदान-प्रदान न करें
आपकी अपनी फोटो से भी भाग्य चोरी होता है अगर वह फोटो कोई तांत्रिक जादू टोना कर दे तो आपका स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो जाता है!
भ्रूण हत्या से भी भाग्य चोरी हो जाता है इसलिए ऐसे पापों से बचिए!
किसी का झूठा भोजन न ही खाना चाहिए ना ही देना चाहिए इससे भी खाने से और देने से भी भाग्य चोरी होता है!

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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