Sunday, October 26, 2025
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खेती के साथ नान-फार्म से ऐसे बेहतर हुआ गीता का जीवन स्तर

खबरों की दुनिया ब्यूरो

सागर जिले के एक छोटे से ग्राम विहारी खेड़ा की रहने वाली श्रीमती गीता कुर्मी की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। गीता कुर्मी जो कभी एक साधारण गृहणी थी, अपनी छोटी जमीन और पारंपरिक खेती के तरीकों पर निर्भर थी। उनकी आय सीमित थी, और परिवार का पालन-पोषण करना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था।
श्रीमती गीता कुर्मी को वर्तमान की बढ़ती अनिश्चितताओं के साथ-साथ बढ़ती लागत का भी सामना करना पड़ा। पारंपरिक खेती में लाभ की कमी और कर्ज का बढ़ता बोझ उनके जीवन को कठिन बना रहा था। तब उनकी इस मुसीबत से निकलने में सहारा बनी सरकार की राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन योजना। सरकार की इस योजना के तहत श्रीमती गीता को अनेक नॉन-फार्म गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने वैकल्पिक तरीकों को अपनाने का निर्णय लिया।
श्रीमती गीता ने समूह से जुडने के बाद बैंक सखी का कार्य प्रारंभ किया, जिससे उनकी आमदनी प्रतिमाह 1500-2000 रूपये होने लगी, आमदनी बढने के साथ-साथ महिलाओं के साथ काम करने की रूचि जाग्रत हुयी, और कियोस्क संचालन का कार्य प्रारंभ किया जिससे उनकी आमदनी 2500-3000 रूपये प्रतिमाह हो गयी, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। 

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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