भोपाल में आयोजित “बुंदेली बौछार” के भव्य कार्यक्रम में, संगीत की मधुरिमा और बुंदेली माटी की सुगंध लिए, रहली नगर की होनहार बेटी सौम्या शशिकांत बुधौलिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त कर नगर को गौरवान्वित किया है। यह जीत केवल एक प्रतियोगिता का परिणाम नहीं, बल्कि सौम्या के वर्षों के समर्पण और अथक परिश्रम की गाथा है, जिसने बुंदेली लोकगीत की धरोहर को एक नया आयाम दिया है।

बचपन से ही सौम्या का हृदय संगीत की सरिताओं में गोते लगाता था।
उनके पिता श्री शशिकांत बुधौलिया ने अपनी पुत्री के इस प्रेम को पहचानकर उसे सही दिशा दी। उन्होंने सौम्या को न सिर्फ प्रोत्साहित किया, बल्कि विधिवत संगीत की शिक्षा भी दिलाई, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। एक छोटे से कस्बे से निकलकर, राजधानी की सांस्कृतिक भूमि पर बुंदेली का परचम लहराना, सौम्या की प्रतिभा और उनके परिवार के सहयोग का अनुपम उदाहरण है।
इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर पूरे नगर में हर्ष की लहर दौड़ गई है। सभी ने सौम्या को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

सौम्या की यह सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी जड़ों से जुड़कर अपनी कला को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाना चाहते हैं। यह विजय इस बात का प्रमाण है कि यदि प्रतिभा और लगन का संगम हो जाए, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सौम्या ने सिद्ध कर दिया है कि कला और संस्कृति की सुगंध किसी भी सीमा में नहीं बाँधी जा सकती। खबरों की दुनिया की और से सौम्या को बहुत बहुत बधाई।
