श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए एमपी के सागर जिले में रहली तहसील में कथा व्यास बालकृष्ण जी महाराज ने गज ग्राह प्रसंग सुनाते हुए कहा कि गज की पुकार पर भगवान गज को बचाने दौड़े और सबसे पहले ग्राह यानी मगर का उद्धार किया। परीक्षित जी ने शुकदेव से पूछा कि पुकार तो गज ने लगाई उद्धार ग्राह का पहले हुआ।तो शुकदेव जी ने बताया कि जो भगवान के भक्तों के पैर पकड़ लेता है उसका उद्धार भगवान पहले करते है।
महाराज जी ने बताया कि मानव जन्म भगवान को प्राप्त करने मिला है,यह समय जो हमें सत्संग को मिला है यह समय कभी नहीं आएगा,दिन महीने साल युग कल्प बीत जाए पर यह समय कभी नहीं लौट सकता।दशम स्कंध की कथा सुनाते हुए भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव की कथा सुनाई।
आयोजक मंडल द्वारा भगवान के जन्मोत्सव पर पूरे पंडाल को सजाया गया झांकी बनाई गई, श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर संगीतमय भजनों के साथ भक्तों ने जमकर नृत्य किया। कथा समापन पर प्रसाद लड्डुओं का वितरण किया गया। इस अवसर पर आयोजक ओंकार नायक,सहित,प्रदीप पाठक,प्रमेंद्र शुक्ला, नरेंद्र शास्त्री, अवधेश हजारी,पीसी मिश्रा,गणेश प्रजापति,सहित सैकड़ो श्रोता उपस्थित रहे।