Mpnews/सागर जिले में शासकीय खरीदी केंद्र, केंद्र संचालक और संबंधित सभी अधिकारियों के लिए लाटरी निकलने जैसा हो गया है।खरीदी फिर चाहे सोयाबीन,चना,गेहूं, मूंग उड़द कुछ भी अनाज की हो सभी का एक जैसा हाल है। जिसमें शासन के निर्धारित मापदंडों के आदेश की हालत नाश्ते के बाद फेंके गए कागज की तरह हो जाती है,हालाकि सरकार के माननीय सब जानते है,लेकिन चली आ रही रीति नीति से कोई बाहर नहीं है।ऐसा ही एक नया मामला रहली का आया है जहां सोयाबीन खरीदी केंद्रों पर अमानक स्तर का सोयाबीन धड़ल्ले से खरीदा जा रहा है।लगातार मीडिया में मामला आने के बाद जांच तो हुई पर जैसा कि अनादिकाल से चली आ रही परंपरा अनुसार औपचारिकता निभाई गई।
अब सागर कलेक्टर निर्देश के बाद भी एफएक्यु मापदंड का पालन नही हो रहा है। सोमवार को हुई जांच में रहली के बलेह केंद्र पर सोयाबीन अमानक स्तर पर पाया गया जांच करने आई डीएमओ राखी रघुवंसी मार्कफेड द्वारा माल को ग्रेडिंग की बात कह कर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की गई ,अमानक सोयाबीन को जब्त भी नही किया ।
राखी रघुवंसी ने बताया कि रहली के तीन केंद्रों की जांच की गई जिसमें बलेह केंद्र पर बाहर रखा माल अमानक स्तर का पाया गया जिसमें 2 लॉट अमानक पाया गया साथ ही ग्रेडिंग रखा माल भी अमानक पाया गया । अब सवाल यह है कि ग्रेडिंग तो बाद का विषय है।सबसे पहले तो अमानक सोयाबीन खरीदी करने पर केंद्र संचालक और सर्वेयर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होना चाहिए,अमानक अनाज की जप्ति बनना चाहिए।पर ऐसा नहीं हो पाया जिससे प्रशासन की कार्यप्रणाली दिन ब दिन जनता का विश्वास खोती जा रही है।