Mp news/ रानी दुर्गावती को टाइगर रिजर्व बनाने वाली बाघिन राधा पिछले एक साल से लापता हैं। लेकिन विभाग को उसकी कोई सुध नहीं है।इससे प्रतीत होता है कि बाघों के संरक्षण को लेकर विभाग के अधिकारी लापरवाह है। एन-1 राधा के जंगल में होने के विभाग के पास कोई सबूत नही है। किसी रेंजर ने अपनी रेंज में बाघिन एन-1 के होने का दावा नही किया। 2023 में एन-1 ने अपने दूसरी बार जन्मे चार शावकों को 2 साल का होने पर छोड़ दिया था,उसके बाद बाघिन राधा को तीसरी बार शावकों को जन्म देना था लेकिन 2023 के मानसून सत्र के बाद राधा किसी को दिखाई नही दी न ही विभाग ने उसे खोजने की कोशिश की,बाघिन राधा बड़ी मादा बाघिन है उसके पगमार्क का साइज अन्य बाघिनों से बड़ा है राधा 9 बर्ष की हो चुकी है। पहले भी विभाग ने एन-2 बाघ के इलाज में देरी कर उसकी जान गवा दी है और अब बाकी वचे बाघों की देखरेख में लापरवाही कर रहे हैं। जो शावक बड़े हो गये है उनकी टाइगर आईडी नही बनाई गयी जिसकी बजह से बाघ की पहचान करना मुश्किल है।
राधा ने दो बार में 7 शावकों को दिया जन्म जिनमे से दो लापता और चार की टाइगर आईडी नही बनाई ।
यह है कहानी 6 साल में करीब 20 बाघ टाइगर रिजर्व में होने की_
राधा ने पहली बार 2019 मे तीन शावकों को जन्म दिया था। जिनमे दो फीमेल (एन-111 व एन-112) व एक मेल (एन-113) थे। उसके बाद राधा ने दूसरी वार नम्बर 2021 में चार शाक्कों को जन्म दिया था। जिसमें तीन फीमेल (एन-121, 22, 23) और एक मेल (एन-124) था। राधा की पहली बार जन्मी दो बेटियों एन-111,12 ने भी 2023 में शावकों को जन्म दे दिया था। जिनमे से पिछले सीजन एन-112 अपने 4 शावकों के साथ दिखाई दी थी। लेकिन एन- 111 और एन-113 नही दिखाई दिये वह भी लंबे समय से लापता हैं। ऐसे ही दूसरी बार जन्मे 4 शावक 3 वर्ष के हो गये है और अपनी अलग-अलग टेरेटरी में रह रहे हैं उनकी टाइगर आईडी नही बनाई गई जिससे उनके दिखने पर भी विभागीय अमला उनकी पहचान नही कर पाता।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के इस मामले को लेकर कहना है कि
बाघिन जब आई थी तो उसका नाम राधा मैंने ही रखा था लेकिन उसके लापता होने की जानकारी आपके माध्यम से लगी है मैं उच्च अधिकारियों से बात करूंगा।