दोस्त तो सबके होते है पर जो दोस्त जीवन में सहारा बन जाए सही मायने में दोस्त तो वही होते है बाकी सब स्वार्थ पूर्ति के साधनों में जुटे किरदार है।
ऐसा ही एक मामला हम आपको बताने जा रहे हैं जिसमें एक मित्र दूसरे मित्र के साथ कैसे दोस्ती का निर्वहन करता है,कैसे उसका सहारा बनता है जो की एक अपने आप में दोस्ती की मिसाल बड़ा उदाहरण है ।
मामला एमपी में सागर जिले के रहली स्थित सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले दो मित्र आकाश अहिरवार और प्रदीप गौंड की मित्रता का है जहां
जमीन पर हाथ रखकर रेंगते हुए चलने वाले आकाश अहिरवार जिसे स्कूल आने जाने का एकमात्र सहारा उसका दोस्त प्रदीप गौंड है, जो आकाश को गोद में लेकर स्कूल आने जाने में मदद करता है,प्रदीप आकाश को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए गोद मे उठाकर मदद करता है, हालांकि आकाश को दिव्यांग होने से शासन द्वारा तीन ट्राई साइकिल पहले मिल चुकी है, और वह खराब हो जाने से उनका सुधार कार्य नहीं हों पाया है।
बतौर आकाश रहली में ट्राई साइकिल के अधिकांश पार्ट नहीं मिलते है जिस कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है और अनेक दिव्यांग इस समस्या के चलते परेशान है।फिलहाल बीओ इंदुनाथ तिवारी, स्कूल के प्राचार्य विजय पचौरी शिक्षक यतेंद्र समाधियां द्वारा शासन द्वारा प्रदत्त एक नई ट्राई साइकिल आकाश को प्रदान की गई है।आकाश ने स्कूल स्टॉप और शासन का आभार व्यक्त किया है।