नवरात्रि पर्व 3 अक्टूबर 2024 से शुरू हो रहा है, इस बार नवरात्रि पर्व 09 दिन का है, नवरात्रि का पर्वकाल में मां दुर्गा जी को प्रसन्न करने और उनके प्राप्त आशीर्वाद को उत्तम मानने के लिए यह उपाय बताए ज्योतिषाचार्य ने।
ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया है कि यदि आप भी इस वर्ष नवरात्रि का व्रत या पूजन रखना चाहते हैं, तो उनके व्रत, पूजा-अर्चना के बारे में जानना जरूरी है, व्रत करने के नियम और सही विधि से पूजा करने से ही नवरात्रि के व्रत सफल होते हैं, नवरात्रि के नौ दिनों में होती है मां दुर्गा जी के नौ स्वरूपों की पूजा होती है, आइए जानते हैं नवरात्रि व्रत के व्रत के बारे में, ताकि आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो और माता रानी की कृपा मिल सके।
नवरात्रि पर्व के नियम
✍🏻1:- ज्योतिषाचार्य पं. भगवान कृष्ण शास्त्री ने बताया है कि नवरात्रि की प्रथम तिथि यानी 3 अक्टूबर- प्रतिपदा को कलश स्थापना या घट स्थापना करनी चाहिए, कलश स्थापना के साथ हम मां दुर्गा जी का पूजन करते हैं, ताकि मां दुर्गा जी हमारे घर पधारें और नौ दिनों तक हम उनकी विधि का पालन करें। विधान से पूजा करें।
2:- कलश के पास एक पात्र में मिट्टी के बर्तन जिसमें जौ बोना चाहिए, उसे नियमित जल चाहिए, जौ की तरह वृद्धि होगी, उस आधार पर इस साल के संबंधित संकेत आप प्राप्त कर सकते हैं, इसी तरह यह भी शामिल है कि जौ देखा गया बहुत बड़ी है, ऐसी ही माँ दुर्गा जी की कृपा है।
3:- यदि आप अपने घर पर मां दुर्गा का झंडा लगाते हैं, तो उन्हें नवरात्रि में बदल दें।
4:- अगर आप नौ दिन का व्रत नहीं रख सकते हैं, तो पहले और आखिरी दिन का व्रत रख सकते हैं।
5: -नवरात्रि के समय कलश के पास मां दुर्गा जी की अखंड ज्योति जलानी चाहिए, उनकी पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
6:-नवरात्रि के समय दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, आप नहीं कर सकते, तो किसी वैदिक ब्राह्मण से दीक्षा, नवचंडी या सतचंडी का पाठ भी कर सकते हैं
7: -नवरात्रि के समय लाल वस्त्र, लाल रंग के आसन का उपयोग करें।
8: -नवरात्रि पूजा के समय माता रानी को लौंग, बताशे का भोग।
9: -नवरात्रि पूजा में नियमित रूप से सुबह और शाम को मां दुर्गा देवी की आरती करें।
10:- मां दुर्गा जी को गुड़हल (जासौण) का फूल बहुत प्रिय होता है, संभव हो तो पूजा में उनका ही उपयोग करें, गुड़हल न मिले, तो लाल, पीले, सफेद रंग के फूलों का उपयोग करें।