
योगेश सोनी/खबरों की दुनिया / इस दिवाली, निजी स्कूल के बच्चों ने एक अनूठा और प्रेरणादायक कदम उठाया है। उन्होंने पारंपरिक रूप से स्कूल में उत्सव मनाने की बजाय, रहली उपजेल में कैदियों के साथ दीपावली का पर्व मनाने का निर्णय लिया। यह पहल केवल त्योहार मनाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें मानवता, करुणा और आध्यात्मिक जागरण का गहरा संदेश छिपा था।
स्कूल के बच्चों का यह निर्णय दिखाता है कि असली खुशी दूसरों के जीवन में रोशनी लाने में है। बच्चों ने उपजेल पहुंचकर कैदियों को मिठाई खिलाई और उन्हें दिवाली की शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर स्कूल प्राचार्य सिस्टर जॉन्सी ने सभी कैदियों को मिठाई खिलाकर अपनी शुभकामनाओं के साथ गुस्से पर नियंत्रण करने की सीख देते हुए कहा कि क्षण भर के गुस्सा से अपनी और पूरे परिवार की जिंदगी बर्बाद हो जाती हे। जेल अधीक्षक गणेश सिंह ने बच्चों की सराहना करते हुए,स्कूल परिवार का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान जेल का माहौल भावनात्मक और खुशनुमा हो गया। बच्चों के चेहरों पर मासूमियत और कैदियों की आँखों में इस अप्रत्याशित प्रेम को देखकर खुशी की चमक साफ दिखाई दे रही थी।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रामायण का मंचन रहा। बच्चों ने बड़े ही भावपूर्ण तरीके से रामायण के महत्वपूर्ण दृश्यों को प्रस्तुत किया। रामायण का यह मंचन कैदियों को आध्यात्मिक संदेश देने का एक माध्यम बना। भगवान राम के आदर्शों, धर्म की विजय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा ने कैदियों के हृदय को छुआ। इस तरह के मंचन से उन्हें आत्मचिंतन और सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिली।

निजी स्कूल के बच्चों की यह पहल समाज के लिए एक बड़ा सबक है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि दिवाली सिर्फ दीप जलाने और खुशियाँ मनाने का नहीं, बल्कि उन लोगों के जीवन में भी उम्मीद और प्रकाश लाने का पर्व है, जो समाज की मुख्यधारा से अलग हो गए हैं। रहली उपजेल में कैदियों के साथ मनाई गई यह दिवाली, प्रेम, क्षमा और सुधार की भावना को दर्शाती है, जो वास्तव में पर्व के वास्तविक अर्थ को चरितार्थ करता है।

आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य सिस्टर जॉन्सी, मैनेजर सिस्टर सुधा, शिक्षक कृपाशंकर दुबे,अमित द्विवेदी,जय सिंह,नवलकिशोर,उपेंद्र सिंह,सिस्टर शांति, सिस्टर पुष्पा,सिस्टर मैरी,गोविंद बैन, राखी सेन,करिश्मा विश्वकर्मा, सहित छात्र,छात्राएं,जेल स्टॉप उपस्थित रहा।
