
योगेश सोनी/खबरों की दुनिया/सागर संसदीय क्षेत्र के इतिहास में, डॉ. लता वानखेड़े का उदय एक महत्वपूर्ण घटना है। वह सहोद्रा बाई राय के बाद सागर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली दूसरी महिला हैं, जिन्होंने अपनी काबिलियत, मेहनत और व्यवहार के बल पर राजनीति में ‘जरा से फलक तक’ (ज़मीन से आसमान तक) का सफर तय किया है।
साधारण शुरुआत से शीर्ष तक 🚀
डॉ. लता वानखेड़े की यात्रा यह दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और जनसेवा का भाव व्यक्ति को राजनीति के शीर्ष पर ले जा सकता है। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत पंच या अन्य छोटे पदों से की, जो कि जमीनी स्तर की राजनीति की गहरी समझ और अनुभव प्रदान करता है।
- जन-जन से जुड़ाव: छोटे पदों पर रहते हुए उन्होंने जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझा और उनका समाधान करने का प्रयास किया। यह सीधा जुड़ाव ही उनकी सफलता की नींव बना।
- मध्य प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष: राजनीति में सक्रिय रहते हुए, उन्होंने मध्य प्रदेश महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया, जहाँ उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और उनके उत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। यह अनुभव उन्हें सामाजिक और प्रशासनिक मुद्दों की गहरी समझ प्रदान करता है।
सागर की दूसरी महिला सांसद 👩⚖️
आजाद भारत के इतिहास में, डॉ. लता वानखेड़े सागर संसदीय क्षेत्र से सहोद्रा बाई राय के बाद दूसरी महिला सांसद चुनी गईं। - सहोद्रा बाई राय: उनसे पहले सहोद्रा बाई राय ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था, जो स्वयं एक स्वतंत्रता सेनानी थीं और गोवा मुक्ति आंदोलन में उनकी बहादुरी के लिए उन्हें ‘वीरांगना’ की उपाधि मिली थी। सहोद्रा बाई राय ने 1971 और 1980 में सागर से सांसद के रूप में सेवा की।
- एक लंबा अंतराल: सहोद्रा बाई राय के बाद लंबे अंतराल तक सागर को किसी महिला प्रतिनिधि का नेतृत्व नहीं मिला था। डॉ. लता वानखेड़े की जीत ने इस अंतराल को समाप्त किया और क्षेत्र की महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत बनीं।
काबिलियत और व्यवहार की पूंजी 💎
डॉ. वानखेड़े ने अपनी राजनीतिक यात्रा में अपनी योग्यता और सहज व्यवहार को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया। - शिक्षा और रोजगार पर ध्यान: सांसद बनने के बाद, उन्होंने शिक्षा और रोजगार को अपनी प्राथमिकताओं में रखा, जिससे क्षेत्र के युवाओं और महिलाओं को लाभ मिल सके।
- विकास का संकल्प: वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विजन के साथ जुड़कर सागर और बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास के लिए संकल्पित हैं।
डॉ. लता वानखेड़े का यह सफर न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि यह सागर संसदीय क्षेत्र के लिए नारी शक्ति और जमीनी नेतृत्व की एक सशक्त मिसाल भी है।
मध्य प्रदेश के सागर लोकसभा क्षेत्र से अब तक रहे सांसदों की सूची इस प्रकार है:
| वर्ष | सांसद का नाम | पार्टी |
|---|---|---|
| 1952 | खूबचंद सोदिया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1957 | ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1962 | ज्वाला प्रसाद ज्योतिषी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1967 | राम सिंह अहिरवार | भारतीय जनसंघ |
| 1971 | सहोद्रा बाई राय | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1977 | नर्मदा प्रसाद राय | जनता पार्टी |
| 1980 | सहोद्रा बाई राय | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (I) |
| 1981 (उपचुनाव) | आर. पी. अहिरवार | भारतीय जनता पार्टी |
| 1984 | नंदलाल चौधरी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1989 | शंकरलाल खटीक | भारतीय जनता पार्टी |
| 1991 | आनंद अहिरवार | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
| 1996 | वीरेंद्र खटीक | भारतीय जनता पार्टी |
| 1998 | वीरेंद्र खटीक | भारतीय जनता पार्टी |
| 1999 | वीरेंद्र खटीक | भारतीय जनता पार्टी |
| 2004 | वीरेंद्र खटीक | भारतीय जनता पार्टी |
| 2009 | भूपेंद्र सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
| 2014 | लक्ष्मीनारायण यादव | भारतीय जनता पार्टी |
| 2019 | राजबहादुर सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
| 2024 | लता वानखेड़े | भारतीय जनता पार्टी |
| (यह सूची वर्ष 1952 से शुरू होकर 2024 तक के लोकसभा चुनावों पर आधारित है।) |
