मनोरंजन और मस्ती के साधन डीजे(dj) की धमक लोगो के मौत का कारण भी बनने लगी है।डीजे के साउंड दूर रखकर नाचना तक तो ठीक था लेकिन बारात में डीजे होना स्टेटस का विषय बन गया है और लोग डीजे के सामने खड़े होकर नाचते है जो कि स्वास्थ की दृष्टि से बहुत हानिकारक है, डीजे के तेज साउंड की धमक हार्ट अटैक का कारण बन रही हे।आए दिन डीजे के सामने नाचते नाचते कई लोग बेस की धमक बर्दाश्त से बाहर होने के कारण दुनिया से विदा हो गए।

डीजे की तेज आवाज़ से सेहत पर कई गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। ये न केवल सुनने की क्षमता को प्रभावित करते हैं, बल्कि पूरे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालते हैं। यहाँ डीजे से होने वाले कुछ प्रमुख नुकसान दिए गए हैं:
- सुनने की क्षमता पर असर (Hearing Loss):
- कानों के पर्दे को नुकसान: डीजे की अत्यधिक तेज आवाज़ (जो अक्सर 90 डेसिबल से अधिक होती है) कानों के पर्दे पर सीधा दबाव डालती है। लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कान के पर्दे फट सकते हैं या स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
- श्रवण क्षमता में कमी: कान के अंदर की संवेदनशील बाल कोशिकाएं (hair cells) तेज आवाज़ से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है और अंततः बहरापन भी हो सकता है।
- टिनिटस (Tinnitus): कानों में लगातार घंटी बजने या सीटी बजने जैसी आवाज़ महसूस होना, जिसे टिनिटस कहते हैं, तेज आवाज़ के कारण हो सकता है।

- हृदय पर प्रभाव (Cardiovascular Issues):
- हृदय गति में वृद्धि: तेज आवाज़ हृदय गति को बढ़ा सकती है, जिससे उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
- हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज: डीजे के तेज साउंड से उत्पन्न होने वाला कंपन (vibration) हृदय रोगियों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। कुछ मामलों में तेज आवाज़ के संपर्क में आने से दिल का दौरा (Heart Attack) या ब्रेन हेमरेज (Brain Hemorrhage) के मामले भी सामने आए हैं, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या न हो।
- मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर (Mental and Emotional Health):
- तनाव और चिड़चिड़ापन: तेज, कर्कश आवाज़ तनाव और चिड़चिड़ापन पैदा करती है, जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हो सकता है।
- नींद में परेशानी (Insomnia): लगातार तेज शोर के कारण नींद आने में दिक्कत हो सकती है, जिससे अनिद्रा की समस्या पैदा हो सकती है।
- सिरदर्द और माइग्रेन: तेज आवाज़ सिरदर्द और माइग्रेन के हमलों को ट्रिगर कर सकती है।
- मानसिक अवसाद: लंबे समय तक शोरगुल वाले वातावरण में रहने से मानसिक अवसाद और अन्य मनोरोग संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

- अन्य शारीरिक प्रभाव (Other Physical Effects):
- मेटाबॉलिज्म में बदलाव: तेज आवाज़ मेटाबॉलिज्म को प्रभावित कर सकती है, जिससे वजन बढ़ने या अन्य शारीरिक असंतुलन हो सकते हैं।
- हवा के दबाव से हानि: हेडफोन या इयरफोन का लगातार इस्तेमाल करने से कान में हवा का दबाव बढ़ सकता है, जिससे खुजली या संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

- गर्भावस्था पर प्रभाव: गर्भवती महिलाओं के लिए तेज आवाज़ हानिकारक हो सकती है, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
- छोटे बच्चों पर प्रभाव: छोटे बच्चों के कान बहुत संवेदनशील होते हैं और डीजे की तेज आवाज़ उनके कान के पर्दे को स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती है।।
बचाव के उपाय: - डीजे की आवाज़ को नियंत्रित स्तर पर रखें (आमतौर पर 60-65 डेसीबल से अधिक नहीं)।
- तेज आवाज़ वाले स्थानों पर लंबे समय तक रहने से बचें।
- यदि आवश्यक हो, तो ईयरप्लग (earplugs) या नॉइज़-कैंसलिंग हेडफोन का उपयोग करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को डीजे के पास जाने से रोकें।
डीजे मनोरंजन का एक साधन है, लेकिन इसकी तेज आवाज़ से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य खतरों के प्रति जागरूक रहना और सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है।
