मप्र।सागर जिले की रहली जनपद पंचायत में साढ़े आठ लाख रूपए के फर्जीबाड़े का मामला सामने आया है।इस मामले में सिर्फ स्थापना प्रभारी पर गाज गिरी है जबकि जनपद सीईओ इससे पूरी अनभिज्ञता जता रहे है।
रहली जनपद पंचायत में विगत माह साढ़े आठ लाख का फर्जीबाड़ा किया गया है।सात ग्राम पंचायतों के पंचायत सचिवों को नियमविरुद्ध तरीके से फर्जी गणना पत्रक तैयार कर अधिक एरियर्स की राशि का भुगतान कर दिया गया है।जानकारों के मुताबिक उक्त फर्जीबाड़ा अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से नियोजित तरीके के तहत किया गया है।गबन के इस मामले में जनपद सीईओ,स्थापना प्रभारी,संबंधित पंचायत सचिव जिम्मेदार बताए जा रहे है लेकिन मामले का खुलाशा होने के वाद मामले में अन्य जिम्मेदारों पर बगैर कोई कार्यवाही किये राशि वापिस ले ली गई है। सिर्फ स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी पर जिला सीईओ के द्वारा निलंबन की कार्यवाही की गई है इस मामले में स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी पर पुलिस प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस को आवेदन दिया गया है।जिसकी जांच चल रही है।
ये है भुगतान प्रक्रिया —
जानकारों के मुताबिक बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का शाखा प्रभारी के द्वारा पहले गणना पत्रक तैयार किया जाता है एवं पत्रक के अनुसार बिल तैयार किया जाता है,समयपाल बिल को दर्ज कर जनपद सीईओ को प्रस्तुत करता है और बिलो पर जनपद सीईओ के हस्ताक्षर के वाद बिलो का भुगतान होता है।इस प्रकार उक्त फर्जीबाड़े के लिए जनपद सीईओ,स्थापना प्रभारी और समयपाल जिम्मेदार है।डबल एरियर्स लेने वाले सचिव भी कही न कही दोषी है।हालांकि फिलहाल इस मामले में सिर्फ स्थापना प्रभारी पर गाज गिरी है ।
इनका कहना है-/
इस मामले में जनपद सीईओ ने बताया कि स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी द्वारा सात सचिवों को बढ़े हुए वेतन के एरियर्स का गणना पत्रक तैयार कर आठ लाख 56 हजार का गबन किया है।सीईओ का कहना है कम्प्यूटर ऑपरेटर के द्वारा फर्जीबाड़े को संज्ञान में लाया गया था जिसके वाद जिला सीईओ को जानकारी दी गई जिला सीईओ द्वारा स्थापना प्रभारी ज्ञानी चौधरी को निलंबित कर दिया गया है।गबन के मामले की जांच कर स्थापना प्रभारी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज करने आवेदन दिया गया है।
