मप्र सागर।समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मसूर, सरसों की खरीदी शुरू हो चुकी है। खरीदी शुरू होते ही खरीदी में खेला करने वाले दलाल सक्रिय हो गए है। जिनके द्वारा किसानों के फर्जी पंजीयन कराकर सरकार को करोड़ों का चूना लगाने की तैयारी कर चुके है।हालाकि यह पहली बार नहीं हो रहा, समर्थन, भावांतर,धान,मूंग खरीदी सबमें योजना के शुरुआती दौर से यह घोटाले होते आए है, हाल ही में ग्राम छिरारी सहकारी समिति की ई डी द्वारा जांच कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जिससे पता चलता हे कि रोग पुराना है….यही वजह हे कि खरीदी केंद्र लेने वालों की लाइन लगी रहती हे फिर जिसके जुगाड हो वह सफल हो जाता है।
गुरुवार को दैनिक भास्कर ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। खबर में उल्लेख है कि यह दलाल समर्थन मूल्य की खरीदी के पूर्व से सक्रिय हो जाते हैं। इनका ये खेल फसल की गिरदावरी के साथ ही शुरू हो जाता है। ये दलाल सबसे पहले पटवारियों से सेटिंग बनाकर फर्जी गिरदावरी करवाते है, फिर जब पंजीयन का समय आता है तो ये दलाल किसी का आधार कार्ड तो किसी का खाता नंबर चढ़ाकर पंजीयन कर लेते है। फिर तहसीलदार की आईडी से फर्जी पंजीयनों का सत्यापन करा लिया जाता है। फिर जब खरीदी शुरू होती है तो वह किसी भी केंद्र प्रभारी से सेटिंग बनाकर फर्जी पंजीयनों पर बाजार से खरीदकर गेहूं, चना, मसूर पर लाखों रुपए कमाते है। फर्जी पंजीयनों का ऐसा ही मामला रहली से सामने आया है, जहां पर किसान के नाम कुछ, आधार नंबर कुछ और खाता नंबर कुछ और हैं। जिसमें ऐसे कई नाम हैं जिनके पास एक डिसमिल खेती भी नहीं है और कई एकड़ों के पंजीयन उनके नाम से कर दिए गए है। जो किसान पंजीयन में जोड़े गए हैं उनको तो पता ही नही की मेरा पंजीयन है।
मप्र:खाद्य मंत्री के गृह जिले में फर्जी पंजीयन कर शासन को करोड़ों का चुना लगाने की तैयारी,राजस्व अमला भी फर्जीवाड़े में शामिल
जिस व्यक्ति की एक डिसमिल भी जगह नहीं, उसके नाम से कई एकड़ क्षेत्र में कराया समर्थन मूल्य पर पंजीयन
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