सागर रहली। माता शबरी को रामायण के पात्रों में विशेष स्थान दिया गया है. शबरी माता ने अपना संपूर्ण जीवन श्रीराम की भक्ति में बिताया. सीता की खोज करते हुए भगवान राम की शबरी से भेंट हुई थी. इसके लिए उन्होंने सालों तक गुरु के आदेश पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम की प्रतीक्षा की. भगवान श्रीराम ने शबरी के हाथों से बेर खाए थे. शबरी माता को श्रीराम की ने नवधा भक्ति का वरदान दिया था।
कथा विश्राम पर नपा अध्यक्ष देवराज सोनी, पूर्व जनपद अध्यक्ष अवधेश हजारी,वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र जारोलिया,विक्रम ठाकुर,विक्की भारद्वाज सहित आयोजक श्रीमती साक्षी दुबे उनके परिवार जन और सैकड़ों श्रोता उपस्थित रहे।
प्रभु श्रीराम ने शबरी के झूठे बेर खाकर अमर कर दिया— सेवाराम उपाध्याय
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