शहर के विभिन्न क्षेत्रों का लिया जायजा
दमोह कलेक्टर जैसे अधिकारी वाकई में देवदूत होते है,अनेक अधिकारी आते है,और लगभग सभी एकजैसे ही कार्यशैली में प्रतीत होते है।लेकिन दमोह कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर विरले ही होते है जो वाकई के जनसेवक है और यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि पिछले 32 साल की पत्रकारिता में पहला कलेक्टर ऐसा मिला जिसकी कार्यशैली देख लगता है कलेक्टर हो तो ऐसा हो।पहली बार किसी कलेक्टर की तारीफ दिल से करने मन हो रहा है,बस शब्द कम पड़ रहे है।

हाल ही में उनकी एक पोस्ट देखी जिसमें जब कड़कड़ाती ठंड में लोग कमरे के अंदर पल्ली से मुंह बाहर नहीं निकलते है ऐसी ठंड में साहब दमोह शहर के अस्पताल में मरीजों का हाल जानने पहुंचते है तो वही रैन बसेरा सहित अन्य स्थानों पर भी पहुंचकर हाल जाना और व्यवस्था दुरुस्त कराई यह एक मात्र उदाहरण नहीं है आए दिन जनहित में काम करते देखा जाता है।

कलेक्टर साहब दिसम्बर की सर्द रात्रि में करीब 1.49 बजे के बाद आकस्मिक रूप से जिला अस्पताल पहुँचे। यहां मदर-चाइल्ड वार्ड, आई.सी.यू. और पैथालॉजी सहित अन्य स्थलों का जायजा लिया। मरीजों से उनके परिजनों से चर्चा की। आए मरीज के परिजनों से चर्चा कर रैन बसेरा में भेजने के निर्देश दिए। भ्रमण के दौरान जो भी कमिया मिली सुधार के निर्देश सबंधित अधिकारियों को दिए गयें। देर रात में अस्पताल पहुँचने की खबर लगते ही जिला अस्पताल के प्रबंधक भी पहुँच गये थे।
इस दौरान जहां मरीज और उनके परिजनों ने खुशी जाहिर की वही आकस्मिक रूप से पहुँचने से स्टॉफ भी सक्रिय रहा। इसी दौरान शहर के विभिन्न क्षेत्रों का जायजा लिया।
