ट्रेन में सफर करने वाले लोगों के मन में अक्सर यह सवाल आता होगा कि गर्मियों में ट्रेन में हमेशा AC चलता रहता है, इसके लिए अधिक चार्ज देना समझ आता है, लेकिन जब सर्दियों के मौसम में ट्रेन में AC की जरूरत नहीं है तो फिर भी AC कोच के लिए अधिक चार्ज क्यों दे…?

वैसे भी AC कोच का टिकट महंगा होता है. जिसमें स्लीपर की अपेक्षा एकानामि ,थर्ड, सेकंड और फर्स्ट AC के लिए क्रमशः मंहगा होता जाता है.गर्मियों के मौसम में बाहर का तापमान ज्यादा होता है. इस वजह से कोच में तापमान को मेंटेन करने के लिए ऐसी चलाया जाता है. इसी तरह सर्दियों में भी बाहर का तापमान काफी कम हो जाता है, जिसे मेंटेन करने के लिए कोच में हीटर चलाया जाता है. यानी सर्दी हो या गर्मी ऐसी सिस्टम काम करता रहता है.

ट्रेन में सर्दियों में AC में लगे हीटर को चलाया जाता है और जिसे ब्लोअर चला कर पूरे कोच में गर्म हवा को पहुंचाया जाता है. ट्रेन में लगा हीटर खास तरह का होता है. इससे आपकी स्किन रूखी नहीं होती. जबकि घर में लगे हीटर स्किन की नमी को गायब कर देते हैं.
ऐसे में जब बाहर का तापमान 40-45 डिग्री सेल्सियस होता है तो ट्रेन में लगा एसी अंदर का तापमान 20-25 डिग्री पर बनाए रखता है, जबकि सर्दियों में जब बाहर का तापमान 4-5 डिग्री सेल्सियस होता है तो ट्रेन के अंदर का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक रहता।इसीलिए मौसम कोई भी हो किराया एक समान रहता है।
