नवजात बच्चों को मॉ के साथ रखें
तापमान में गिरावट के साथ शीतलहर का दौर जारी है, इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये जिले के नागरिकों को शीतलहर से बचाव करने की सलाह दी है। बड़े-बुजुर्गों के साथ बच्चों को ठण्ड से बचाव की जरूरत होती है, शीत लहर में गरम कपड़े, अलावा आदि का उपयोग किया जाये और ठण्ड से बचा जाये, इस मौसम में बड़े-बुजुर्गों के साथ बच्चों के स्वास्थ्य का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। इस संबंधी में सीएमएचओ को एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिये हैं।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जैन ने एडवाईजरी जारी करते हुए कहा है कि, हाईपोथर्मिया बच्चों के मौत का प्रमुख कारण है, ऐसे में नवजात शिशुओं-बच्चों को ठण्ड से बचाना बेहद अहम् है। एहतियातन ठण्ड से बचाने के लिये बच्चे के सिर को ढक कर रखें, ठण्डी हवा से बचाये। उन्होंने कहा बच्चों में बुखार के साथ छूने पर शरीर का ठंडा महसूस होना, छाती में भीतर की ओर धसाव आना, पेट फूलना, हाथ-पांव ढीले पड़ना, उल्टी करना, झटके जैसे लक्षण दिखाई देने पर बिना विलंब किये चिकित्सक से संपर्क करें, चिकित्सक द्वारा दिये गये परामर्श अनुसार पूर्ण ईलाज लेना आवश्यक है।
ठण्ड से बचाव के लिये शिशु के तलवे और हथेली रखें गर्म
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दमोह डॉ. जैन ने बताया कि बच्चों को ठण्ड से बचाव के लिये शिशु के तलवे और हथेली गर्म रखें, पैरों एवं हाथों में मौजे पहनाएँ। शिशु का सिर ढॅक कर रखें। नवजात शिशु को मॉ के साथ रखें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कमरा गर्म हो, उस जगह पर हवा न हो, ठण्डे मौसम में नवजात छोटे शिशुओं को नहलाने से बचें, नाल को साफ-सूखा रखें, ठण्ड से बचाव के लिये तीन परतों में कपड़े पहनाएँ