● मीडिया के दखल के एक माह भी नही हुई कार्यवाही
● दोषी अधिकारियों से बसूली की दरकार
मप्र सागर/ शासन की योजना में पात्र हितग्राही को मुफ्त का राशन,दवा,ड्रेस, पेंशन आदि मिलते तो सुना था,लेकिन यहां तो एक विभाग द्वारा मुफ्त की सरकारी पगार भी बांटी जा रही है, चौकिए नहीं..! यह सच है सागर जिले में जिला पंचायत और रहली जनपद के अधिकारियों की मनमानी कहें या कृपादृष्टि एक पंचायत सचिव को करीब डेढ़ साल से बगैर कोई काम किए घर बैठे पूरी पगार दी जा रही है। हालांकि रहली जनपद में यह कोई नई बात नहीं है पूर्व में भी ऐसे चमत्कार होते रहे है।इस मामले को जब मीडिया द्वारा पिछले माह जनपद सीईओ आर जी अहिरवार के संज्ञान में लाकर पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि यह मामला आज ही मेरे संज्ञान में आया है इसकी जांच कर कार्यवाही की जावेगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं। करीबी लोग जानते है कि सीईओ साहब का तकिया कलाम शब्द है जांच कराएंगे,पर अनेक मामले आज भी जांच की फाइलों में ऐश कर रहे है,आज तक किसी मामले में ठीक ठाक कार्यवाही नहीं हुई।
एक माह वाद भी नही हुई कार्यवाही
डेढ़ साल से बगैर कही उपस्थिति दिए बगैर कोई काम किए घर बैठक कर फ्री का वेतन ले रहे पंचायत सचिव दिनेश बिल्थरे के मामले को एक माह पूर्व उजागर कर जनपद सीईओ आर जी अहिरवार से उनका पक्ष लिया गया था।जनपद सीईओ ने मामले की जानकारी नही होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया था एवं जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था।एक माह वाद जब जनपद सीईओ आर जी अहिरवार से कार्यवाही के वारे में पूछा गया तो इस बार उन्होंने गेंद जिला पंचायत के पाले में फेकते हुए कहा कि जिला पंचायत में कार्यवाही चल रही है जो भी कार्यवाही होगी आपको अवगत कराया जाएगा।
ये है मामला
ग्राम पंचायत मुर्गादरारिया के तत्कालीन सचिव दिनेश बिल्थरे को करीब डेढ़ वर्ष पूर्व कार्य में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया गया था।पंचायत सचिव द्वारा निलंबन को लेकर न्यायालय की शरण ली गई थी जिसके वाद सचिब दिनेश बिल्थरे को कोर्ट से स्टे मिल गया था।कोर्ट के स्टे ऑर्डर के बाद से पंचायत सचिव दिनेश बिल्थरे को न तो किसी ग्राम पंचायत का प्रभार दिया गया है न ही जनपद में अटैच किया गया है।
दोषी से हो वेतन की बसूली
डेढ़ वर्ष तक शासन का काम किए बगैर सचिव को वेतन दिया जाना गैरकानूनी बताया जा रहा है।शासन को क्षति पहुँचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी से शासन की राशि की बसूली किए जाने एवं इस मामले में दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता बताई जा रही है।
