Tuesday, January 7, 2025
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राम जी ने जो किया और कृष्ण जी ने जो कहा वही करना चाहिए_ कथा व्यास रमाकांत शास्त्री


खमरिया में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस अपर्णा पीठ आचार्य कथा व्यास रमाकांत शास्त्री ने भगवान श्री हरि के विभिन्न अवतारों की कथा सुनते हुए बेटियों के महत्व को समझाते बताया कि बेटी दोनों कुलो की शान होती है पिता और बेटी के स्नेह पर कथा व्यास हो श्रोता दोनों भावुक हो गए।उन्होंने
सती प्रसंग की कथा सुनते हुए कहा कि एक दिन गगन से विमानों में बैठे देवताओं को जाते देख शंकर जी से सती ने कहा कि पिता के यहां यज्ञ हो रहा है तो शिवजी ने कहा कि आमंत्रण नहीं है,तो सती जी अकेली ही अपने पिता दक्ष के पास चली गई। कथा व्यास ने बताया कि जहां पति का सम्मान नहीं हो वहां पत्नी को भी नहीं जाना चाहिए, लेकिन सती जी दक्ष के यज्ञ में पहुंची और यज्ञ की परिक्रमा किया और देखा कि भगवान शंकर का कही स्थान नहीं है इतना देखते ही सती यज्ञ कुंड में कूद गई। सती जैसे ही कुंड में कूदी बिजली कड़कने लगी,यज्ञ ध्वस्त हो जाए, यह खबर जैसे शिवजी को मिली तो उन्होंने वीरभद्र को प्रकट कर भेजा और दक्ष का सिर काटकर बकरे का सर लगा दिया।इसके बाद भगवान बामन और राम जी के अवतार की कथा सुनाई।इसके बाद भगवान कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई।
इस अवसर पर भगवान कृष्ण की झांकी बनाई गई,पंडाल को भव्य रूप से सजाया गया।भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर सभी श्रोता संगीतमय भजनों पर जमकर नाचे।कथा विश्राम पर आरती संपन्न कर प्रसाद वितरण किया गया।

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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