लाल टमाटर खायेंगे लाल लाल हो जाएंगे,यह पोयम अरसे पुरानी है,खैर फिलहाल तो टमाटर की खेती करने बालों को लागत निकलने के लाले पड़े हुए हुए।संभव हे मौसम की मेहरबानी रही तो यह घाटे का टमाटर लागत निकाल दे। रहली क्षेत्र में टमाटर का वम्फर उत्पादन,नही मिल रहे खरीदार,एक से दो रुपए किलो बिक रहा टमाटर।
घाटे का सौदा साबित हो रही टमाटर की खेती
कृषि को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने की बाते तो बहुत हो रही है पर इस दिशा को किए जा रहे प्रयास न काफी है।किसानों की सबसे बड़ी समस्या उनकी फसल का बाजिब दाम नही मिलना है।कड़कड़ाती ठंड,तेज धूप और बरसते पानी मे खेतो में जीवन यापन करने वाले किसान दिन रात एक करके फसल पैदा करते है लेकिन उनको अपनी फसल बेचने के लिए बाजार फसल का वाजिब दाम नही मिलने से किसान निराश है और अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।
हम बात कर रहे है सागर जिले के रहली के टमाटर उत्पादक किसानों की।रहली ब्लाक के ग्राम चनोआ,परासिया,बाछलोंन,मुर्गादरारिया,हरदी,संजरा,कासल पिपरिया,धोनाई आदि ग्राम में भारी तादाद में टमाटर का उत्पादन होता है।चनोआ ग्राम के किसान टमाटर की फसल का उत्पादन करने में विशेषज्ञ माने जाते है।चनोआ के किसान आधुनिक तरीके से टमाटर का उत्पादन करते है।
यहाँ के टमाटर अपनी विशेष क्वालिटी के कारण कई प्रदेशों में पहचान रखते है।टमाटर की शानदार क्वालिटी का और भरपूर उत्पादन के वाद भी यहां के किसान वाजिब दाम नही मिलने से परेशान है।किसानों का कहना है कि भारी मेहनत एवं भरपूर लागत लगाने के वाद टमाटर का उत्पादन करते है लेकिन बाजार नही मिलने के कारण फसल का सही मूल्य नही मिलता है।
रहली क्षेत्र में लगभग 350 हेक्टेयर में टमाटर की खेती होती है और प्रति हेक्टेयर 250 कुंवटल टमाटर की पैदावार होती है।रहली क्षेत्र में टमाटर उत्पाद फेक्ट्री की महती आवश्यकता है।यहाँ के किसान शासन से लंबे समय से क्षेत्र में टमाटरों के उत्पाद की फैक्टरी लगाने की मांग करते आ रहे है।उद्यानिकी विभाग के अधिकारी भी मानते है कि रहली क्षेत्र में बड़ी तादाद में टमाटर का उत्पादन होता है और यहाँ टमाटर उत्पाद की फैक्ट्री लगाने की आवश्यकता है।पूर्व में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा कई वार फेक्ट्री लगाने के आश्वासन दिया गए है पर अभी तक किसानों की मांग लंबित है। किसानों के द्वारा सरकार से रहली क्षेत्र में टमाटो कैचप की फैक्ट्री लगाने की मांग की जा रही है।