गरीब परिवार की तीनों बेटियां बनी पुलिस अधिकारी, बढ़ाया अपने परिवार और गांव का मान
रहली में एकमात्र ऐसा परिवार जिसकी तीन बेटियां पुलिस विभाग में
रहली। अभावों में पली-बढ़ी तीन बहनों ने अपने अदम्य साहस, कड़ी मेहनत और अटूट लगन से एक ऐसा मुकाम हासिल किया है जो पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। रहली के खमरिया वार्ड की इन तीनों बेटियों ने एक साथ पुलिस बल में अपनी जगह बनाकर न केवल अपने परिवार का नाम रोशन किया है, बल्कि उन तमाम रूढ़ियों को भी तोड़ा है जो अक्सर लड़कियों को सपनों को पूरा करने से रोकती हैं।
अत्यंत गरीब पृष्ठभूमि से आने वाली इन तीनों बहनों के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। पिता जमना प्रसाद भदौरिया टेलर मास्टर है सिलाई का काम करते हैं,माता कुसुम गृहणी है और घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता था। ऐसे में, बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और उनके भविष्य के लिए पैसे जुटाना परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती थी। लेकिन, इन बेटियों ने हार नहीं मानी। दिन में घर के कामों में हाथ बंटाने के बाद वे रात-रात भर जागकर पढ़ाई करती थीं। कोचिंग या महंगे संसाधनों के अभाव में, उन्होंने खुद ही एक-दूसरे की मदद की और किताबों को अपना सबसे अच्छा साथी बनाया।
तीनों बहनों का सपना हमेशा से पुलिस या सेना में शामिल होकर देश और समाज की सेवा करना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर कड़ी मेहनत की। दौड़, अभ्यास और लिखित परीक्षा की तैयारी में वे कोई कसर नहीं छोड़ती थीं। किस्मत ने साथ दिया और पहली बार में उनका सिलेक्शन हो गया।
आखिरकार, उनकी मेहनत रंग लाई। 5 साल पहले बड़ी बहन माया का सबसे आरक्षक की पोस्ट पर चयन हुआ,फिर छोटी बहिन मनीषा का 3 साल पहले चयन हुआ और आज 5 जून को मंझली बहिन ज्योति की रायसेन जिले में ज्वाइनिंग हुई है। जमना प्रसाद ने बताया कि उनकी तीनों बेटियों के पुलिस बल में चयन होने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिवार की आंखें खुशी से भर आईं हैं और उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व है। बेटियों का उत्साह वर्धन करने सहयोगी और मार्गदर्शक रहे सलामत सर,दिनेश सर,अमित पटेल ने भी ज्योति के घर पहुंचकर पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया और मिठाई खिलाकर बधाई दी।सलामत से ने बधाई देते हुए बताया कि
इन बहनों की यह उपलब्धि उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ा संदेश है जो परिस्थितियों के आगे हार मान लेते हैं। अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी बाधा आपके सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकती। इन बेटियों ने साबित कर दिया है कि लगन, परिश्रम और दृढ़ संकल्प से गरीबी की बेड़ियों को तोड़ा जा सकता है और आसमान की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। यह घटना रहली के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक कहानी बन गई है।तीनों ज्योति और मनीषा ने बताया कि माता पिता के सहयोग और शिक्षक सलामत सर के सहयोग से इस मुकाम पर पहुंचे है, माता पिता ने आर्थिक आभाव होते हुए भी भरपूर सहयोग किया, भरोसा जताया और स्वतंत्रता दी।वही सलामत सर और दिनेश सेन सर ने पुलिस विभाग से संबंधित जानकारी और तैयारी करने में मदद की।देखे वीडियो
