मप्र। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के समय शुरू हुई लाडली बहना योजना में सरकार लगातार बजट कम करने तमाम फिल्टर लगाने का काम कर रही है।योजना के नियम अनुसार 60 वर्ष से ऊपर हो रही महिलाओं के नाम योजना से अलग किए जा रहे है लेकिन पात्रता की श्रेणी में आ रही महिलाओं के नाम नहीं जोड़े जा रहे।यहां तक कि योजना शुरू होने के समय भी हजारों बहने पात्र होने के बाद भी नाम नहीं जोड़े जाने के कारण लाभ लेने से वंचित रही थी और आज भी योजना से लाभान्वित होने का इंतजार कर रही है।सरकार की दोहरी नीति से पक्ष के विधायक मजबूरी वश जरूर चुप है,लेकिन विपक्ष मुखर हो रहा है।हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सवाल खड़े किए है उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा है कि प्रदेश में लाड़ली बहनों से डॉक्टर मोहन यादव सरकार की धोखाधड़ी जारी है। ऐसा लगता है जैसे भाजपा लाड़ली बहना योजना समाप्त करना चाहती है।
चुनाव से पहले जो भाजपा लाड़ली बहनों को 3 हज़ार रुपया प्रतिमाह देने का वादा कर रही थी, वही भाजपा अब सम्मान राशि बढ़ाने की जगह लगातार लाड़ली बहनों की संख्या घटाने में लगी है।
प्रदेश में 1.63 लाख लाड़ली बहनें इस योजना से बाहर कर दी गई है। दावा ये किया जा रहा है कि जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई है, उन्हें योजना से बाहर किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन महिलाओं की उम्र योजना में शामिल होने के लिए पात्र बन गई है उनका नया पंजीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है?
दरअसल सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार महिलाओं को लाड़ली बहना योजना से बाहर कर रही है और धीरे धीरे इस योजना को समाप्त कर देना चाहती है।
मप्र सरकार की दोहरी नीति होने लगी उजागर, लाडली बहना योजना मामले में उठने लगे विरोध के स्वर।
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