Saturday, October 25, 2025
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भारत के पास democracy की शक्ति है, और भारत के पास demography का advantage है:pm modi

हंसलपुर, गुजरात में हरित गतिशीलता पहल के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री का संबोधन,राज्यों से निवेदन किया की आसमान खुला है भैया, आप भी मेहनत करो, आओ मैदान में, बहुत फायदा होगा

भारत के पास democracy की शक्ति है, और भारत के पास demography का advantage है। हमारे पास Skilled Workforce का बहुत बड़ा Pool है। इसलिए ये हमारे हर पार्टनर के लिए विन-विन सिचुएशन बनाता है। आज आप देखिए, Suzuki Japan, भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रही है, और जो गाड़ियां बन रही हैं, वो वापस जापान को एक्सपोर्ट की जा रही हैं। ये जापान और भारत के रिश्तों की मजबूती तो है ही, भारत को लेकर ग्लोबल कंपनियों के भरोसे को भी ये आपके सामने प्रस्तुत करता है। एक तरह से, मारुति सुज़ुकी जैसी कंपनियाँ मेक इन इंडिया की ब्रैंड एंबेसडर बन चुकी हैं। लगातार 4 साल से Maruti भारत की सबसे बड़ी कार एक्सपोर्टर है। अब आज से EV एक्सपोर्ट को भी उसी स्केल पर ले जाने की शुरुआत हो रही है। अब दुनिया के दर्जनों देशों में जो EV चलेगी, उसमें लिखा होगा- Made in India!

कुछ साल पहले, उस समय तक EV को केवल एक नए alternate के तौर पर देखा जाता था। लेकिन, मेरा मानना रहा है, EV कई समस्याओं का ठोस समाधान है। इसलिए, पिछले साल मैंने अपनी सिंगापुर विजिट के दौरान कहा था, हम अपनी पुरानी गाड़ियों को, पुरानी एम्बुलेंसेस को हाइब्रिड EV में बदल सकते हैं। Maruti Suzuki ने इस चुनौती को स्वीकार किया और केवल 6 महीनों में एक working prototype तैयार कर दिया। अभी मैंने वो Hybrid Ambulance का प्रोटोटाइप देखा भी है। ये हाइब्रिड एंबुलेंस PM E-DRIVE स्कीम में पूरी तरह फिट बैठती हैं। लगभग 11 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में ई-एंबुलेंस के लिए भी बजट निर्धारित किया गया है। हाइब्रिड EV से Pollution भी घटेगा, और पुराने vehicles को transform करने का विकल्प भी मिलेगा। 

आज जब दुनिया supply chain disruptions से जूझ रही है, ऐसे समय में लगता है कि भारत ने पिछले दशक में जो नीतियां बनाईं, वो देश के कितने काम आ रही हैं। 2014 में जब मुझे देश ने सेवा का अवसर दिया, उसके बाद से ही हमने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। हमने Make in India अभियान शुरू किया, global और domestic manufacturers, दोनों के लिए देश में अनुकूल वातावरण बनाया। भारत में manufacturing, efficient और globally competitive हो, इसके लिए हम industrial corridors बना रहे हैं। हम Plug-and-play infrastructure बना रहे हैं। Logistics parks बना रहे हैं। भारत कई सेक्टर्स में manufactures को Production Linked Incentive का benefit भी दे रहा है।

भारत यहीं पर रुकने वाला नहीं है। जिन सेक्टर्स में हमने बेहतर perform किया है, हमें उनमें और बेहतर करना है। इसके लिए हम मिशन manufacturing पर जोर दे रहे हैं। आने वाले समय में हमारा फोकस futuristic इंडस्ट्री पर होगा। Semiconductor sector में भारत take-off कर रहा है। देश में इसके 6 plants तैयार होने वाले हैं। हमें सेमीकंडक्टर manufacturing को और आगे लेकर जाना है।

अगले सप्ताह ही मैं जापान जा रहा हूँ। भारत और जापान का रिश्ता केवल diplomatic relations से कहीं ऊपर, सांस्कृतिक और भरोसे का रिश्ता है। हम एक दूसरे की प्रगति में अपनी प्रगति देखते हैं। मारुति सुज़ुकी के साथ हमने जो जर्नी शुरू की थी, वो अब बुलेट ट्रेन की स्पीड तक पहुँच चुकी है। भारत-जापान पार्टनरशिप की औद्योगिक संभावनाओं को साकार करने की बड़ी पहल यहीं गुजरात से ही हुई थी। मुझे याद है, हमने 20 साल पहले जब Vibrant गुजरात समिट शुरू की थी, तो उसमें जापान एक प्रमुख सहयोगी था। आप विचार कीजिए, एक developing countries का, एक छोटा सा स्‍टेट, उसका investment summit और जापान जैसा developed country उसका पार्टनर हो, यह दिखाता है कि भारत और जापान की नींव कितनी मजबूत है और मैं आज जब यह  Vibrant Gujarat की यात्रा की याद कर रहा हूं, तब मेरे मित्र यहां बैठे हैं, वो पहले भारत में एंबेसडर हुआ करते थे, 2003 में, आज वो भी यहां मौजूद हैं, अब वो रिटायर हो गए हैं, लेकिन उनका भारत प्रेम, गुजरात प्रेम, वैसे का वैसा है, मैं उनका भी स्वागत करता हूं। गुजरात के लोगों ने भी, जापान के लोगों का उतना ही आत्मीयता से ख्याल रखा। हमने इंडस्ट्री से जुड़े rules and regulations जापानी भाषा में प्रिंट करवाकर दिए। जब मैं गुजरात में था, हर छोटी चीज पर मैं ध्‍यान रखता था, even मेरा जो visiting card होता था न, वो भी मैं जापानी में बनाता था। जो विडियोज बनाते थे हम प्रोमोशनल, उस वीडियो की खूबी होती थी, जापानी भाषा में डबिंग करवाता था। यानी मुझे मालूम था कि मुझे इस रास्‍ते पर बड़ी मजबूती से आगे बढ़ना है और मैं सभी राज्‍यों को कहता हूं, आसमान खुला है भैया, आप भी मेहनत करो, आओ मैदान में, बहुत फायदा होगा। 

हमें इसी तरह आने वाले समय में सभी अहम क्षेत्रों में आगे बढ़ना है। मुझे भरोसा है, हमारे आज के प्रयास 2047 के विकसित भारत की इमारत को नई बुलंदी तक लेकर जाएंगे और मुझे भरोसा है कि जापान इस लक्ष्य की प्राप्ति में हमारा भरोसेमंद पार्टनर बनकर साथ चलता रहेगा, हमारी दोस्ती अटूट रहेगी और मैं तो कभी-कभी कहता था कि जहां तक जापान और भारत का रिश्ता है, यह मेड फॉर ईच अदर वाला रिश्ता है। मैं आज विशेष रूप से मारुति को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं और अभी तो यह teen age की शुरुआत है, आपको पंख फैलाने हैं। नए सपने बुनने हैं, आपके संकल्पों के लिए, उसकी पूर्ति के लिए हम पूरी शक्ति से आपके साथ हैं। इसी विश्वास के साथ आत्मनिर्भर भारत के अभियान को हम सब आगे बढ़ाएं। वोकल फॉर लोकल बनें। स्वदेशी, यह हमारा जीवन मंत्र बनना चाहिए दोस्तों, गर्व से, गर्व से स्वदेशी की तरफ चल पड़ों। और यहां जापान के द्वारा जो चीजें बन रही हैं न, यह भी स्वदेशी है। मेरी स्वदेशी की व्याख्या बहुत सिंपल है, पैसा किसका लगता है, उससे कुझे कोई लेना-देना नहीं है। वो डॉलर है, पाउंड है, वो करंसी काली है, गोरी है, मुझे कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन जो प्रोडक्‍शन है, उसमें पसीना मेरे देशवासियों का होगा। पैसा किसी का, पसीना हमारा। जो प्रोडक्‍शन होगा, उसमें महक मेरे देश की मिट्टी की होगी, मेरे भारत मां की होगी। इस भाव के साथ आप मेरे साथ चलिए दोस्तों, 2047 में हम ऐसा हिंदुस्तान बनाएंगे, आपकी आने वाली अनेक पीढ़ियां, आपके इस त्‍याग का गर्व करेंगी, आपके इस योगदान का गर्व करेंगी, आपकी भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्‍य के लिए, आत्मनिर्भर भारत के इस मंत्र के लिए, स्वदेशी के मार्ग के लिए मैं आज मेरे देशवासियों को निमंत्रण दे रहा हूं, मैं आपको निमंत्रण दे रहा हूं, आइए, हम सब चल पड़े, 2047 विकसित भारत बनाकर रहेंगे। दुनिया की इस भलाई में भारत का योगदान बढ़ाते रहेंगे, इसी भावना के साथ आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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