हर साल जून जुलाई के मौसम में सबसे अधिक तीर्थयात्रा पर लोग जाते है,वैसे तो तीर्थ यात्रा साल भर चलती हे,लेकिन जून जुलाई में विशेष रूप से चार धाम,अमरनाथ की यात्रा की जाती है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव ने तीर्थ क्षेत्रों में जाने वाले श्रद्धालुओं से सोशल मीडिया के माध्यम से विनम्र अपील की है कि तीर्थ यात्रा या भगवान के दर्शन करने के लिए योजना बहुत सोच समझ कर बनाये ।

महत्वपूर्ण पर्वों और त्योहारों पर किसी भी बड़े मंदिर या तीर्थ में जाने से बचें । क्यूंकि इन तिथियों में अनुमान से कहीं अधिक भीड़ हो रही है । सम्पूर्ण भारत में अमरनाथ से लेकर पुरी तक कामाख्या से लेकर वृंदावन तक विशेष पर्वो पर अत्यधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं । एक सीमित क्षेत्र में लाखों श्रद्धालुओं की सहूलियत भरी व्यवस्था करना किसी भी सरकार या प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती होता है । साथ ही श्रद्धा के आगे कई कई बार प्रशासनिक अनुमान भी फेल हो जाते है और सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह जाती है ।

हम सभी ने बीते कई वर्षों में धार्मिक स्थलों पर होने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को देखा है ।इन घटनाओं में जो हताहत होते हैं,जो दुर्भाग्य से मृत्यु को प्राप्त होते हैं उनके परिवारों की हालत देखी नहीं जाती ।कई वर्ष ऐसी घटनाओं से उबरने में लग जाते हैं । फिर भी जो क्षति इन लोगों को होती है उसकी कोई भरपाई नहीं होती । साथ ही हम सारा दोष प्रशासन पर डाल देते हैं । इससे होता क्या है?दो चार कर्मचारी निलंबित हो जाते हैं । घटना की न्यायिक जांच बैठ जाती है । कुछ मुआवजा दे दिया जाता है । परंतु यह सब आपने जो खोया है उसकी भरपाई कभी नहीं कर सकता ।अपना दुख हमे स्वयं ही भोगना पड़ता है ।

अतः सभी से अनुरोध है कि कृपया तीर्थ क्षेत्रों में भीड़ भाड़ वाले समय में जाने से बचें । प्रभु की कृपा से हमारे सारे धार्मिक स्थल अचल है । १२ महीने भगवान आपको दर्शन देने के लिए मंदिरों में विराजमान रहते हैं । साथ ही व्यस्त समय में घर के बुजुर्ग और बच्चे तो साथ में बिल्कुल भी ना ले जाए । जरा सी सावधानी और एक व्यवस्थित योजना आपकी तीर्थ यात्रा को और सुखद बना सकती है ।
हमारी असावधानी हमारी आस्था पर प्रश्नचिह्न लगाती है ।तीर्थ क्षेत्रों में यह दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हृदय को बहुत वेदना देती हैं ।
(अभिषेक भार्गव की वॉल से)
