Sunday, October 26, 2025
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पंचायत4: ने किया दर्शकों को निराश

सिनेमा जन्मजात मनोरंजन का साधन हे,जो अपने मूल उद्देश्य से भटक गया

सिनेमा का जन्म ही मनोरंजन के लिए हुआ था। लेकिन समय के साथ सिनेमा का स्वरूप भीभत्स,गंदा,फूहड़ और समाज को विखंडित कर देने वाला हो गया। कुछ ना समझ लोग कहते हे ,सिनेमा समाज का आईना हे,जो घटता हे वही दिखाता हे।तो उन लोगों से कहना चाहेंगे कि जो घटा उसे दिखाने के लिए मीडिया हे,सिनेमा नहीं..? सिनेमा जन्मजात मनोरंजन का साधन हे,जो अपने मूल उद्देश्य से भटक गया। हाल ही हे प्रदर्शित पंचायत सीजन 4 को ही देखे तो पहले 3 सीजन देखने वालों को निराशा हाथ लगी,क्योंकि इसमें राजनीति की तगड़ा तड़का दिखाया गया। जबकि पिछले तीन सीजन को बात करे तो पंचायत हिट रही,उसका कारण था कि भीभत्स मारधाड़,और नग्नता से भरे सिनेमा के दौर में जिसे देख लोग तंग आ चुके थे।ऐसे में हल्का मनोरंजन और मन के कोने में विकसित होते प्रेम की कलियों को प्रस्तुत किया गया था। लेकिन मेकर्स ने कहानी को अलग ही मोड़ दे दिया,जिससे अगले सीजन का इंतजार अब दीवानों को तरह दर्शक नहीं करेंगे।
अच्छा होता जो सिनेमा समाज में फैली कुरीतियों को दिखाने के जगह कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करता।स्वस्थ मनोरंजन करता,तो शायद बेहतर परिणाम आते।

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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