Sunday, October 26, 2025
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ढाँचागत विकास से आम जनता को कोई लाभ नहीं,वरन जनता के टैक्स से प्राप्त पैसों की बरबादी है।

शासन की योजनाओं के तहत क्षेत्र में अनेक भवन ऐसे हे जिनका निर्माण तो हुआ है, लेकिन कर्मचारियों की कमी (स्टाफ के अभाव) के कारण उनका लाभ जनता तक नहीं पहुँच पा रहा है।
यह एक आम समस्या है जहाँ ढाँचागत विकास (भवनों का निर्माण) तो हो जाता है, लेकिन उन्हें संचालित करने और सेवाओं को प्रभावी ढंग से प्रदान करने के लिए आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध नहीं होते। इसके परिणामस्वरूप, इन नव-निर्मित सुविधाओं का उपयोग या तो कम होता है, या वे बिलकुल भी कार्यशील नहीं होतीं, जिससे सरकार के निवेश का पूरा उद्देश्य विफल हो जाता है और जनहित की पूर्ति नहीं हो पाती।
उदाहरण के तौर पर रहली में डाक्टरों के स्टाफ के लिए बने क्वाटर,मृदा परीक्षण भवन,मंगल भवन,कालेज का बालिका छात्रावास आदि ।जनहित में मूल उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती,बल्कि ऐसे भवन समय के साथ खंडहर में तब्दील हो जाते है,और सिर्फ असामाजिक तत्वों के उपयोग बस के काम आते है,इसे जनता के पैसे का दुरुपयोग होता है,इसे रोकने आवश्यक कदम उठाए जाना जरूरी है।तभी मूल उद्देश्य की पूर्ति संभव है।

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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