Sunday, October 26, 2025
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#एनीमिया के कारण शरीर कमजोर हो जाने से व्यक्ति अपनी पारिवारिक और सामाजिक भूमिकाओं का अच्छी तरह निर्वहन नहीं कर पाता

सागर।एनीमिया कहने में एक छोटी बीमारी लगती है लेकिन यह हमारे स्वास्थ्य के साथ सामाजिक व्यवहार को भी प्रभावित करती है । कार्यक्रम की अध्यक्ष एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सरोज गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वस्थ एवं निरोगी काया मनुष्य का सबसे बड़ा धन है और विद्यार्थियों को एनीमिया पर प्राप्त जानकारी को आगे अपने घर परिवार और समाज में जागरूकता के रूप में बढ़ाना है । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉक्टर स्मिता दुबे ने बड़े आकर्षक तरीके से बच्चों के साथ संवाद और सवाल-जवाब करते हुए एनीमिया के शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया । उन्होंने बताया कि एनीमिया शरीर में खून एवं हीमोग्लोबिन की कमी होने को कहा जाता है जिससे गर्भवती महिलाएं अधिकांशतःप्रभावित रहती है और मध्य प्रदेश में एनीमिया के कारण होने वाली मातृत्व मृत्यु दर उच्च है। एनीमिया के कारण शरीर कमजोर हो जाने से व्यक्ति अपनी पारिवारिक और सामाजिक भूमिकाओं का अच्छी तरह निर्वहन नहीं कर पाता और इससे अन्य बीमारियों को भी आमंत्रण मिलता है । उन्होंने विद्यार्थियों से स्वस्थ मनुष्य में पाए जाने वाली हीमोग्लोबिन के स्तर पर प्रश्न पूछा जिसका सही जवाब देने पर उन्होंने नेहा नामक छात्रा को पुरस्कृत भी किया । उन्होंने कहा कि महिलाओं में पीरियड्स आने के कारण हीमोग्लोबिन की कमी ज्यादा रहती है, इसके अलावा फास्ट फूड का बहुत उपयोग,चाय और कॉफी का अधिक सेवन ,आनुवांशिक कारण और कीड़े होने से भी खून की कमी शरीर में हो जाती है ।आगे उन्होंने हीमोग्लोबिन की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्ट- हीमोग्लोबिन सिरम फेरिटिन टेस्ट ,हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफॉरेसिस टेस्ट पर चर्चा की उन्होंने बताया कि डॉक्टर द्वारा आयरन की दवाई लेने और आयरन युक्त भोजन करने के बाद भी अगर शरीर में आयरन का स्तर सामान्य नहीं होता तो इसके आनुवांशिक कारण होते हैं जैसे व्यक्ति में थैलेसीमिया या सिकल सेल एनीमिया पाया जाता है और इसके लिए हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफॉरेसिस टेस्ट करवाया जाता है उन्होंने कहा कि अनुवांशिक एनीमिया रोग को आगे बढने से रोकने के लिए सरकार को यह टेस्ट और अधिक करवाने चाहिए। गर्भवती महिलाओं को आने वाले बच्चे में इस रोग को रोकनेके लिए अपने पति का भी यह टेस्ट करना चाहिए । उसके बाद उन्होंने विद्यार्थियों से आयरन बढ़ाने वाले भोजन पर प्रश्न पूछा इस प्रश्न का सही उत्तर कविता पटेल और शिखा राजपूत ने दिया जिन्हें डॉक्टर द्वारा पुरस्कृत किया गया। उन्होंने विद्यार्थियों को शरीर में आयरन सोखने की क्षमता बढ़ाने वाली चीजों जैसे आंवला,नींबू खट्टे फलों के सेवन पर भी बात की । उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को वर्ष में एक बार पेट के कीड़़ो की दवाई जरुर खानी चाहिए तथा हीमोग्लोबिन स्तर सामान्य होने के बाद भी अगले तीन महीने तक आयरन की दवाई खाते रहने से शरीर में खून की कमी पूर्णतया दूर हो जाती है तथा जान कारी दी किआयरन और कैल्शियम की दवाइयां का सेवन करते समय उनमें चार घंटे का अंतर रखना चाहिए। उन्होंने छात्राओं द्वारा पीरियड से जुडीअनेक समस्याओं तथा एनीमिया संबंधी पूछे गये प्रश्नों का समाधान भी किया । अंत में उन्होंने प्लेट में हजार रंग तब बढ़ेगा हीमोग्लोबिन का अंक कहते हुए सभी विद्यार्थियों को एनीमिया से बचने के लिए फास्ट फूड और अधिक चाय कॉफी के सेवन न करने ,हरी पत्तेदार सब्जी एवं फलों का रोज सेवन करने की शपथ दिलाई

Yogesh Soni Editor
Yogesh Soni Editorhttp://khabaronkiduniya.com
पत्रकारिता मेरे जीवन का एक मिशन है,जो बतौर ए शौक शुरू हुआ लेकिन अब मेरा धर्म और कर्म बन गया है।जनहित की हर बात जिम्मेदारों तक पहुंचाना,दुनिया भर की वह खबरों के अनछुए पहलू आप तक पहुंचाना मूल उद्देश्य है।
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